बारिश की दर और मात्रा

सीजीपीए

सीजीपीए (CGPA) क्या है- | CGPA Full Form |,सीजीपीए कैलकुलेटर की गणना कैसे करते है ?

दोस्तों आज हम आपको सीजीपीए के बारे में बता रहे है जैसा कि आप जानते हैं वर्तमान समय में बहुत से स्कूल और कॉलेजों में सीजीपीए का इस्तेमाल रिजल्ट निकालने में किया जाता है। इसके साथ-साथ बोर्ड एग्जाम में भी CGPA का इस्तेमाल करते हैं और अपने विद्यार्थियों के रिजल्ट CGPA के जरिए ही निकालते हैं बहुत से विद्यार्थी ऐसे होते हैं जिन्हें सीजीपीए के बारे में मालूम नहीं होता उनसे अगर पूछा जाता है कि किस सब्जेक्ट में कितने आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं परसेंट मार्क्स आए हैं तो कहते हैं पता नहीं. इसलिए आज हम इन्हें सारी बातों के बारे में बता रहे हैं की सीजीपीए क्या होता है इस की फुल फॉर्म क्या होती है और इसका कैलकुलेशन कैसे निकालते हैं CGPA से परसेंटेज कैसे निकालते हैं इन सब बातों को जानने के लिए आप इस आर्टिकल को बड़े ध्यान से पढ़ें।

CGPA Kya Hai?

दोस्तों यहां पर हम आपको सीजीपीए क्या है इसके बारे में बता रहे हैं CGPA एक तरह का ग्रेडिंग सिस्टम है जिसका इस्तेमाल आज के समय में बहुत सारे स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट की पढ़ाई की क्षमता को ग्रेड के रूप में निकालने का एक तरह का ग्रेडिंग सिस्टम है। इस प्रक्रिया में आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं सीबीएसई बोर्ड भी शामिल है जो अपने विद्यार्थियों को नंबर देने के बजाय हर सब्जेक्ट में ग्रेड देता है ग्रेड परसेंटेज के आधार पर ही दिए जाते हैं CGPA ग्रेडिंग सिस्टम किसी स्टूडेंट सारे सब्जेक्ट को मिलाकर जो नंबर आते हैं उन्हें एक ग्रेड सिस्टम के आधार पर रिपोर्ट कार्ड पर लिख दिया जाता है इस लिए स्टूडेंट को पता नहीं चल पाता कि उसके कौन से सब्जेक्ट में कितने नंबर आए हैं |

हमारे देश के अलावा और भी कई अन्य देशों में CGPA सिस्टम अपनाया जाता है आज के समय में बहुत से एग्जाम के रिजल्ट सीजीपीए सिस्टम के द्वारा ही निकाले जाते हैं जिसे एक ग्रेडिंग सिस्टम कहते हैं।

CGPA की फुल फॉर्म क्या है ?

सीजीपीए की फुल फॉर्म Cumulative Grade Point Average होती है इसके अलावा हिंदी में इसे ‘औसत ग्रेड बिंदु’ कहा जाता है CGPA एक तरह का एजुकेशनल ग्रेडिंग सिस्टम कहलाता है।

सीजीपीए

CGPA में Grading नापने का तरीका

दोस्तों जहां तक हमारे देश भारत का सवाल है यहां पर CGPA ग्रेड परसेंटेज के आधार पर दिया जाता है मिसाल के तौर पर किसी स्टूडेंट के 90% से 100% के बीच नंबर आते हैं तो उसे CGPA के आधार पर A+ ग्रेड दी जाती है इसी प्रकार अलग-अलग परसेंटेज के लिए अलग-अलग ग्रेड दिए जाते हैं जिसे हम आपको एक टेबल द्वारा समझा रहे हैं जो निम्नलिखित हैं

सीजीपीए की कैलकुलेशन कैसे करते हैं ?

कोई विद्यार्थी अगर अपना सीजीपीए स्कोर जानना चाहता है तो इसका तरीका बड़ा आसान है इसके लिए विद्यार्थी को सबसे पहले अपने सारे विषयों का CGPA ग्रेड का पता करना होता है इसके बाद उन सभी को जोड़ना होता है फिर आपके पास जितने भी सब्जेक्ट हैं उनकी संख्या से grade के टोटल आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं को भाग कर दें इस कैलकुलेशन को करने से आपको अपना Cumulative Grade Point Average ग्रेड पता चल जाएगा. इसको पता करने का तरीका बड़ा आसान है मिसाल के तौर पर आपके पास 5 सब्जेक्ट हैं और उसका सीजीपीए स्कोर इस प्रकार है।

  • हिंदी – 8.5
  • इंग्लिश – 8
  • सामाजिक विज्ञान – 8.5
  • साइंस – 9
  • मैथ – 9

इसके बाद इन सब को जोड़ना होगा।

अब जो टोटल आया है उसे सब्जेक्ट आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं की संख्या से भाग करना होगा।

Other Tools

स्वस्थ इंसान का वजन उसकी लंबाई के हिसाब से होना चाहिए, जिसके लिए मानक निर्धारित है। किसी व्यक्ति की ऊंचाई और वजन का अनुपात बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स है। बीएमआई एक ऐसा कैलकुलेशन है, जिसके आधार पर आप यह जान पाते हैं कि आप लंबाई और वजन के हिसाब से संतुलित और स्वस्थ हैं या नहीं। बॉडी मास इंडेक्स का पता लगाने के लिए कई सारे ऑनलाइन और ऑफलाइन कैलकुलेटर उपलब्ध हैं। अब सवाल यह है कि यह किस फॉर्मूले पर काम करता है और इसका उपयोग कैसे करें? आइए, जानते हैं इस बारे में विस्तार से:आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं

बॉडी मास इंडेक्स की गणना करने के लिए ऑनलाइन कैलकुलेटर पर आपको अपनी लंबाई और वजन के बारे में जानकारी देनी होती है। ध्यान रहे कि अपनी लंबाई और वजन सही अंकित करें। बॉडी मास इंडेक्स किसी व्यक्ति की ऊंचाई और वजन का उपयोग करके एक सरल गणना होती है, जिसका सामान्य सा फॉर्मूला है:
बीएमआई = वजन / लंबाई स्कवायर
या
बीएमआई = वजन / (ऊंचाई X ऊंचाई)

इनके लिए बीएमआई कैलकुलेटर (Body Mass Index Calculator) का उपयोग सही नहीं

बीएमआई का उपयोग बॉडीबिल्डरों, एथलीटों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों या छोटे बच्चों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। कारण कि इन मामलों में यह सही गणना नहीं कर पाता। दरअसल, बीएमआई इस बात पर ध्यान नहीं देता है कि क्या वजन को मांसपेशियों या वसा के रूप में लिया जा सकता है। जैसे गर्भवती महिलाओं का वजन केवल उनका नहीं होता, बल्कि इसमें होने वाले बच्चे का भी वजन शामिल होता है।

अगर आपकी ऊंचाई और वजन के आधार पर आपका बीएमआई इंडेक्स 18.5 से कम आता है तो समझ लें कि आपका वजन सामान्य से कम है और आपको इसे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। अगर आपका बीएमआई स्तर 18.5 से 24.9 के बीच में है तो यह आदर्श स्थिति है। इस स्थिति में आपका वजन बिल्कुल फिट है और आपके लिए इसे मेनटेन रखना जरूरी है। वहीं, बीएमआई स्तर अगर 25 या अससे ऊपर है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। इस स्थिति में आपको डायबिटीज 2, दिल का रोग या स्ट्रोक होने की अधिक आशंका होती है जबकि 30 से अधिक बीएमआई होने पर मोटापे के सभी दुष्परिणामों के लिए तैयार रहें।

बीएमआई की सीमाएं

केवल बीएमआई नहीं हो सकता स्वस्थ शरीर और मानक वजन का आधार, उम्र और लिंग से भी पड़ता है असर बीएमआई (BMI) यानी बॉडी मास इंडेक्स को एक तरह से आपके शरीर की लंबाई और वजन का अनुपात कहा जा सकता है। बीएमआई ये तो बताता है कि आपके शरीर का वजन आपकी हाईट यानी लंबाई के अनुसार ठीक है या नहीं, लेकिन इसकी अपनी सीमाएं भी हैं। बीएमआई में ये पता लगना मुश्किल हो जाता है कि आपके शरीर के किस हिस्से में कितनी चर्बी यानी फैट जमा है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि बीएमआई स्वस्थ शरीर के वजन का एक संकेतक है, लेकिन इसकी सीमाएं हैं। बीएमआई शरीर की संरचना को ध्यान में नहीं रख सकता है। मांसपेशियों, हड्डी के वजन और फैट के कारण शरीर की अपनी विविधता है। ऐसे में केवल मानक बीएमआई के आधार पर स्वस्थ शरीर का आकलन किया जाना उचित आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं नहीं है।

आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं

हम औसत का प्रयोग क्यों करते हैं ? इनके प्रयोग करने की क्या कोई सीमाएँ हैं ? विकास से जुड़े अपने उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए ।

हम औसत का प्रयोग इसलिए करते हैं क्योंकि दो देशों की आर्थिक स्थिति को जाने का यह सबसे अधिक सरल मापदंड हैं। किसी देश की आय को यदि उसकी कुल जनसंख्या से विभाजित कर दिया जाए तो हमें उसकी औसत आय प्राप्त हो जाती हैं। इसी प्रकार औसत विभिन्न विषयों के बारे में प्राप्त की जा सकती हैं।
हालांकि 'औसतें' तुलना के लिहाज़ से उपयोगी हैं, इससे आसमानताएँ छुपती हैं।
उदाहरण के लिए, दो 'देश क' और 'ख' देखते हैं। सरलता के लिए, हम जानते हैं की प्रत्येक देश में 5 निवासी हैं। निम्न तालिका में दिए आँकड़ों के अनुसार, दोनों देशों की औसत आय निकालिए।

आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं
देश 2007 में नागरिकों की मानसिक आय (रुपए में )
I II III IV V औसत
देश क 9500 10500 9800 10000 10200 10000
देश ख 500500 500 500 48000 10000

Rain Gauge Measure : बारिश को कैसे मापा जाता है? कौन-कौन से हैं यंत्र

baris

दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में काफी उमसवाली गर्मी और इंतजार के बाद बुधवार को दोपहर बाद जमकर बारिश (Raining) हुई. इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली है. मानसून (Monsoon) के दिनों में आम तौर पर बारिश के माप को लेकर सवाल सामने आते हैं. इसके अलावा बारिश को मापने के लिए किस यंत्र को काम में लाया जाता है? यह कैसे काम करता है की चर्चा होती है. मौसम विज्ञान विभाग (IMD) बारिश को लेकर पूर्वानुमान कैसे जताता है. आइए, इन सारे सवालों को जानने की कोशिश करते हैं.

बारिश को कैसे मापा जाता है ( How rain gauge measure)

किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में होने वाली बारिश को मापने के लिए वर्षामापी (rain gauge meter) यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है. संसार के सभी देशों में वहां का मौसम विभाग बारिश का रिकॉर्ड रखने के लिए जगह जगह वर्षामापी यंत्र लगाता है. इस के जरिए बारिश को इंचों, सेंटीमीटर या मिलीमीटर में नापा जाता है. मानसून के दौरान कई तरह के वर्षामापी यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है. आमतौर पर बारिश का माप दिन में एक बार लिया जाता है. वहीं मानसून के दिनों में बारिश का माप दिन में दो बार पहला सुबह 8 बजे और दूसरा शाम 5 बजे लिया जाता है.

रेटिंग: 4.56
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 603