चालू खाता, जिसे लेनदेन संबंधी खाते (यानी ट्रांजेक्शनल अकाउंट) के रूप में भी जाना जाता है, एक बैंक खाता है जिसमें दैनिक लेनदेन की कोई सीमा निर्दिष्ट नहीं होती है। ये खाते न तो निवेश के उद्देश्य से काम करते हैं, और न ही बचत खाते (सेविंग अकाउंट) की तरह इन खातों में रखी धनराशि पर कोई ब्याज मिलता है। चालू खातों का उपयोग आमतौर पर पेशेवर, छोटे व्यवसाय और उद्यमी करते हैं।

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करंट अकाउंट और सेविंग्स अकाउंट के बीच का अंतर जानें

कई बार आपको करंट अकाउंट क्या होता है व्यापारियों और उद्यमियों के समान कई पेमेंट, रसीदें और अन्य ट्रांज़ैक्शन करने की आवश्यकता हो सकती है। वे अक्सर अकाउंट एक्सेस करने के लिए करंट अकाउंट का उपयोग करना पसंद करते हैं। लेकिन करंट अकाउंट क्या हैं और यह सेविंग्स अकाउंट से कैसे भिन्न हैं? करंट अकाउंट और सेविंग्स अकाउंट के बीच के अंतर को समझने में आपकी मदद करने के लिए यहां एक सूची दी गई हैं:
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सेविंग्स करंट अकाउंट क्या होता है अकाउंट एक ऐसा डिपॉजिट अकाउंट है जो सीमित लेनदेन की अनुमति देता है, जबकि एक करंट अकाउंट दैनिक लेनदेन के लिए होता हैं।

सेविंग्स अकाउंट उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त हैं जो वेतनभोगी कर्मचारी हैं या जिनकी मासिक इनकम है, जबकि करंट अकाउंट व्यापारियों और उद्यमियों के लिए सबसे अच्छा काम करते हैं जिन्हें अक्सर अपने अकाउंट को एक्सेस करने की आवश्यकता होती हैं।

करंट अकाउंट क्या होता है?

एक व्यक्ति, व्यावसायिक संगठन, सरकार, अर्ध-सरकारी, स्वायत्त संगठन या एनजीओ या किसी अन्य प्रकार का संगठन एक दिन में कई लेन-देन करने के लिए बैंक में जो खाता खोलता है उस खाते को Current Account कहा जाता है

करंट अकाउंट खोलकर आप एक दिन में जितनी बार चाहें जितना चाहें अमाउंट जमा कर सकते हैं। इसी तरह, आप अपने Current Account से जितनी बार चाहें उतनी राशि निकाल सकते हैं।

करंट करंट अकाउंट क्या होता है अकाउंट फीचर्स

1. Regular Transaction: नियमित लेनदेन के लिए कोई लेनदेन सीमा नहीं हैं। यानी हम जितनी बार चाहें उतनी बार पैसे जमा कर सकते हैं और एक दिन में जितनी बार चाहें उतनी बार ऐसे निकाल सकते हैं। हम असीमित लेनदेन कर सकते हैं।

2. Normal Transaction: जैसा कि हम सेविंग्स अकाउंट में करते हैं। हमें यहां भी वही सुविधाएं मिलेंगी। कोई भी फंड ट्रांसफर, चेक की सुविधा और अगर आप कैश को हैंडल करना चाहते हैं तो आपको करंट अकाउंट में ये तीन तरह की सुविधाएं मिलेंगी।

3. Provides Overdraft Facility Bank: ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान की जाती है।

4. Internet Banking & Mobile Banking Facility: बैंक आपको सेविंग अकाउंट जैसे करंट अकाउंट में इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग की यह सुविधा प्रदान करता है।

5. Current Account: पैसे जमा करने की कोई सीमा नहीं है।

करंट अकाउंट के फायदे और नुकसान

हर चीज के फायदे या नुकसान होते हैं। इसी तरह करंट अकाउंट के भी कुछ फायदे और कुछ नुकसान हैं। आइए जानते हैं करंट अकाउंट के फायदे और नुकसान

करंट अकाउंट के फायदे

  1. करंट अकाउंट में लेनदेन की सीमा असीमित है। आप रोजाना बड़ी रकम निकाल सकते हैं।
  2. यहां ओवरड्राफ्ट की सुविधा हमेशा उपलब्ध रहती है।
  3. अगर आप विदेश में रहते हैं तो आप वहां से भी लेन-देन कर सकते हैं।
  4. जब सेविंग अकाउंट की चेक बुक समाप्त हो जाती है, तो एक नई चेक बुक प्राप्त करने के लिए आपको कुछ राशि का भुगतान करना होता है, लेकिन करंट अकाउंट के मामले में आगे भी चेक बुक मुफ्त दी जाती है।
  5. करंट अकाउंट के मामले में, नेट बैंकिंग के माध्यम से किसी भी स्थान से लेनदेन करते समय उसकी स्थिति दर्ज की जाती है।
  6. यदि आप किसी को बड़ी राशि भेजते हैं या आधिकारिक रूप से भेजते हैं, तो आप स्वयं रसीद दे सकते हैं।

करंट अकाउंट खोलने के लिए डाक्यूमेंट्स

हमने जाना करंट अकाउंट क्या होता है? इसकी क्या क्या फीचर है? और इसके फायदे और नुकसान क्या है। चलिए अब जानते हैं की करंट अकाउंट खोलने के लिए क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए?

भारत में करंट अकाउंट खोलने के लिए निम्नलिखित करंट अकाउंट क्या होता है डाक्यूमेंट्स की जरूरत है –

  1. पैन कार्ड
  2. पार्टनरशिप डीड (साझेदारी फर्म के मामले में)
  3. एक चेक
  4. करंट अकाउंट क्या होता है
  5. निवेश का प्रमाण पत्र, मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन और एसोसिएशन के लेख (कंपनी के मामले में)
  6. फार्म / कंपनी / HUF का एड्रेस प्रूफ
  7. सभी भागीदारों/निदेशकों का आईडी और पता प्रमाण

किसी भी बैंक में करंट अकाउंट खोलने के लिए इन सभी डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता होती है।

ये नए मानदंड क्यों?

यह देखा गया करंट अकाउंट क्या होता है है कि कई उधारकर्ता, जिन्हें बैंकों ने नकदी ऋण (सीसी) या ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधाओं के जरिए पैसा उधार दिया था, उधार ली गई धनराशि को अन्य बैंकों में मौजूद अपने चालू खातों में ट्रांसफर कर रहे थे। यह बैंकिंग नियामक के नजरिए से उचित तरीका नहीं था। आरबीआई ने मानदंडों को इसलिए सख्त बनाया है ताकि उधारदाता संघ (यानी कन्सोर्टियम ऑफ लेंडर्स) से बाहर जाकर उधार लेने वालों द्वारा नए चालू खाते खोलने की इस प्रथा पर अंकुश लगाया जा सके, विशेष रूप से जब अंडर स्ट्रेस होते हैं और एक बैंक से दूसरे बैंक में फंड डायवर्ट करते हैं। अपने परिपत्र में आरबीआई ने कहा है कि "कोई भी बैंक उन ग्राहकों के लिए चालू खाता नहीं खोलेगा, जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से नकदी ऋण (सीसी) / ओवरड्राफ्ट (ओडी) के रूप में क्रेडिट सुविधा प्राप्त की है और सभी लेनदेन सीसी/ ओडी खाते के जरिए किए जाएंगे।

यदि खाता बंद हो जाता है तो उसमें रखे पैसे का क्या होगा?

अधिकांश बैंकों ने उन चालू खातों को फ्रीज कर दिया है जो नए दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते थे। आपसी समाधान की दृष्टि से बैंक इन खातों को ग्राहकों के लिए करंट अकाउंट क्या होता है फिर से खोल और चालू कर सकते हैं। बंद खातों के मामले में, उन्हें फिर से नहीं खोला जा सकता है लेकिन ग्राहक इसमें रखी हुई रकम निकाल सकते हैं।

यदि चालू खाते को फ्रीज या बंद कर दिया गया है, तो खाते में मौजूद धनराशि उधारकर्ता के बचत या सीसी/ओडी खाते में ट्रांसफर की जा सकती है। आपको उस शाखा में जाना होगा जहां आपका खाता है, और फिर आवेदन पत्र भरकर पैसा ट्रांसफर करने के लिए बैंक से अनुरोध करें। बैंक या तो उक्त खाते में आरटीजीएस कर सकता है या फर्म के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट प्रदान कर सकता है, या उस राशि को आपके सीसी/ओडी खातों में ट्रांसफर कर सकता है। कुछ मामलों में, यदि चालू खाते में राशि बहुत कम है तो आप इसे नकद में भी प्राप्त कर सकते हैं (हालांकि, यह बैंक पर और बैंक के साथ आपके संबंधों पर निर्भर करता है)। प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए जरूरी है कि आप सत्यापन के लिए अपना केवाईसी विवरण तैयार रखें।

नए नियमों में 10% ऋण एक्सपोजर की आवश्यकता का क्या अर्थ है?

इसका यह अर्थ है कि बैंकिंग प्रणाली में ग्राहक के कुल ऋण एक्सपोजर में से, यदि किसी उधारदाता के प्रति एक्सपोजर 10% या उससे अधिक है, तो डेबिट सुविधा उस विशेष बैंक के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते में उपलब्ध होगी। उदाहरण के लिए, यदि आपने विभिन्न उधारदाताओं से 5 करोड़ रुपए का ऋण लिया है। मान लीजिए कि इसमें से केवल एक उधारदाता 'क' ने आपको 50 लाख रुपए (कुल ऋण का 10%) या अधिक राशि का ऋण दिया है, तो आप उधारदाता 'क' के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते से ही डेबिट सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

यदि उस उधारकर्ता के बैंकिंग प्रणाली के प्रति एक्सपोजर के 10% या अधिक वाले बैंक एक से ज्यादा हैं, तो जिस बैंक को निधि विप्रेषित की जानी है, वह उधारकर्ता और बैंकों के बीच निर्धारित किया जा सकता है। इसके अलावा, यह उल्लेखनीय है कि जहां एक उधारकर्ता के प्रति किसी बैंक का एक्सपोजर (उस उधारकर्ता के प्रति) बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर के 10% से कम है, वहाँ सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट की तो पूरी अनुमति होगी, किंतु इस सीसी/ओडी खाते में डेबिट केवल उधारकर्ता के उस बैंक के सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट के लिए किया जाएगा, जिसका उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर उस उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर का 10% या इससे अधिक है।

सेविंग अकाउंट के फायदे

सेविंग अकाउंट का सबसे बड़ा फायदा ये है ,की बैंक आपके सेव किये गए पैसो पर आपको कुछ ब्याज देता है। करंट अकाउंट क्या होता है जैसे की सरकारी बैंक में आपको ३% से ४% तक ब्याज दिया जाता है। वही खाजगी बैंक में आपको ५ % से लेखर ६% तक या उससे भी ज्यादा ब्याज दिया जाता है। हर बैंक करंट अकाउंट क्या होता है का अपना अपना ब्याज का परसेंटेज अलग होता है।

बैंक में सेविंग अकाउंट ओपन करते ही बैंक आपको ट्रांसेक्शन के लिए चैकबुक देती है। साथ ही आपको डेबिट कार्ड ,मोबाइल बैंकिंग ,नेटबैंकिंग जैसी सेवाएं भी प्रदान करता है। आपका अगर महीने के ट्रांसक्शन अच्छे है। आपने मिनिमम रकम बैंक में जमा की है। और बैंक से आपके रिलेशन अच्छे है तो आप आपके सेविंग अकाउंट पर बैंक से लोन भी करंट अकाउंट क्या होता है ले सकते है।

हलाकि current account vs savings account ये दोनो भी आप एकहि बैंक में अकाउंट खोल सकते है। लेकिन आपका ट्रांसक्शन दोनों का सेपरेट यानि अलग अलग होता है। तो चलिए समझते है current account vs savings account में क्या फर्क होता है।

current account vs savings account different

सेविंग अकाउंट और करंट अकाउंट में अंतर

आप जब बैंक सेविंग अकाउंट ओपन करते हो। तो आपको महीने के मिनिमम ट्रांसक्शन करंट अकाउंट क्या होता है की लिमिट होती है। जब की करंट अकाउंट में आपको कोई भी लिमिट नहीं होती। और करेंट अकाउंट में आपको कोईभी पैसे रखने की जरुरत नहीं होती। और सेविंग अकाउंट में कई बैंक में आपको मिनिमम अमाउंट रखनी होती है।

current account vs savings account ये दोनों बिलकुल अलग अकाउंट होते है। सेविंग अकाउंट बचत कहते की लिए होता है। और आपकी बचत पर बैंक आपको ब्याज देती है। लेकिन करंट अकाउंट में ऐसा नहीं है। बैंक आपको कोई भी ब्याज नहीं देती। है लेकिन आप इन दोनों अकाउंट पर बैंक से लोन जरूर ले सकते है।

सेविंग अकाउंट में आपको गोल्ड यानि सोने पर २ % या ३ % तक की छूट होती है। और करंट अकाउंट में आपको गोल्ड पर कोई छूट नहीं होती। करेंट अकाउंट से आप कभी भी पैसे निकल सकते है। लेकिन सेविंग अकाउंट से आप रोजाना पैसे नहीं निकल सकते। और आपको सेविंग में कुछ रकम जमा रखनी होती है।

सेविंग अकाउंट में मैक्सिमम बैलेंस की होती है लिमिट, टैक्स के दायरे से बाहर होता है करंट अकाउंट

यूटिलिटी डेस्क. हमारे देश में आज ज्यादातर लोगों का बैंक में अकाउंट है। ये अकाउंट या जो सेविंग्स होता है करंट। भले ही इन दोनों अकाउंट का इस्तेमाल डिपॉजिट और ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता हो लेकिन इन दोनों में काफी अंतर है। सेविंग अकाउंट में मैक्सिमम बैलेंस की लिमिट होती है वहीं करंट अकाउंट में ऐसी कोई लिमिट नहीं होता है। आइए जानते हैं कि इनमें क्या अंतर होते हैं.

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