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Sagwan Farming Profit: सागवान की खेती से कर सकते हैं करोड़ों की कमाई, जानें कीमत से लेकर खेती का तरीका

Sagwan Farming Technique: सागवान के पेड़ से किसान चाहें तो करोड़ों में कमाई कर सकते हैं. सागवान की एक एकड़ की खेती से 1 करोड़ रुपये की कमाई आराम से की जा सकती है. आइए जानते हैं इसकी खेती के तरीके के बारे में.

Sagwan Farming Cost and Profit: सागवान की खेती से हो सकती है बंपर कमाई

अजीत तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2021,
  • (अपडेटेड 26 अगस्त 2021, 12:39 PM IST)

Sagwan Farming Cost and Profit: सागवान के लकड़ी की गिनती सबसे मजबूत और प्रोफिट लें क्या है? महंगी लकड़ियों में होती है. इससे फर्नीचर, प्लाइवुड तैयार किया जाता है. इसके अलावा सागवान का इस्तेमाल दवा बनाने में भी किया जाता है. लंबे समय तक टिकने की क्षमता होने के कारण इसकी मांग हमेशा बाजार में बनी रहती है. सागवान की लकड़ी में बहुत कम सिकुड़न होती है. साथ ही इस पर बहुत जल्दी पॉलिश चढ़ता है. एक आंकड़े के मुताबिक देश में हर वर्ष 180 करोड़ क्यूबिक फीट सागवान की लकड़ी की जरूरत है, लेकिन प्रति वर्ष सिर्फ 9 करोड़ क्यूबिक फीट की पूर्ति की जा रही है. यानी वर्तमान में सिर्फ 5 परसेंट ही पूर्ति प्रोफिट लें क्या है? हो पा रही है, 95 परसेंट का बाजार अभी भी खाली है. दिलचस्प बात ये है कि सागवान की खेती में रिस्क काफी कम होता है और मुनाफा ज्यादा होता है.

सागवान के लिए खेत में कितनी हो दूरी

सागवान के पौधे को 8 से 10 फीट की दूरी पर लगाया जा सकता है. ऐसे में अगर किसी किसान के पास 1 एकड़ खेत है तो वो उसमें करीब 500 सागवान के पौधे लगा सकता है. सागवान के लिए 15 डिग्री सेल्सियस से लेकर 40 डिग्री सेल्सियस का तापमान अनुकूल माना जाता है. इसके लिए नमी वाले इलाके फादयेमंद होते हैं. जानकारी के मुताबिक सागवान की खेती बर्फीले इलाकों या रेगिस्तानी इलाकों में नहीं हो सकती. इसके लिए जलोढ़ मिट्टी को बेहतर माना जाता है.

सागवान के लिए कैसे तैयार होता है खेत?

सागवान की खेती के लिए सबसे पहले खेत की जुताई करें और उसमें से खर-पतवार और कंकड़-पत्थर निकाल लें. इसके बाद दो बार और जुताई करके खेत की मिट्टी को बराबर कर लें. इसके बाद सागवान के पौधे जहां-जहां लगाने हैं, उन जगहों को चिन्हित कर लें. इसके बाद उन जगहों पर गड्ढा खोद लें. कुछ दिन बाद इसमें खाद मिला दें. इसके बाद इसमें पौधा लगाएं. इसकी मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए.

कौन सा मौसम सागवान की बुवाई के लिए ठीक?

सागवान की बुवाई के लिए मॉनसून से पहले का समय सबसे अनुकूल माना जाता है. इस मौसम में पौधा लगाने से वो तेजी से बढ़ता है. शुरुआती सालों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. पहले साल में तीन बार दूसरो साल में दो बार और तीसरे साल में एक बार अच्छे से खेत की सफाई जरूरी है, सफाई के दौरान खरपतवार को पूरी तरह खेत से बाहर करना होता है. सागवान के पौधे के विकास के लिए सूर्य की रौशनी अत्यंत आवश्यक होता है. ऐसे में पौधा लगाते वक्त इस बात का भी ध्यान रखें कि खेत में पर्याप्त रोशनी पहुंच सके. नियमित समय पर पेड़ के तने की कटाई-छटाई और सिंचाई करने से पेड़ की चौड़ाई तेजी से बढ़ती है.

सागवान के पेड़ को जानवरों से डर नहीं

सागवान के पत्तों में कड़वाहट और चिकनाहट होती है, यही कारण है कि इसे जानवर खाना पसंद नहीं करते. साथ ही अगर पेड़ की देखभाल ठीक से की जाए तो इसमें कोई बीमारी भी नहीं लगती और ये बिना किसी परेशानी के 10 प्रोफिट लें क्या है? से 12 साल में तैयार हो जाता है.

सागवान के पेड़ से कई सालों तक मिलता है मुनाफा

हालांकि किसान चाहें तो इसे ज्यादा समय तक भी खेत में रख सकते हैं. 12 वर्षों के बाद ये पेड़ समय के हिसाब से मोटा होता जाता है, जिससे पेड़ की कीमत भी बढ़ती चली जाती है. साथ ही किसान एक ही पेड़ से कई सालों तक मुनाफा कमा सकते हैं. सागवान का पेड़ एक बार काटे जाने के बाद फिर से बड़ा होता है और दोबारा इसे काटा जा सकता है. ये पेड़ 100 से 150 फुट ऊंचे होते हैं.प्रोफिट लें क्या है?

सागवान से करोड़ों में कमाई

सागवान के पेड़ से किसान चाहें तो करोड़ों में कमाई कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर एक एकड़ में किसान अगर 500 सागवान के पेड़ लगाता है तो 12 वर्ष के बाद इससे करीब एक करोड़ रुपये में बेच सकता है. बाजार में 12 साल के सागवान के पेड़ की कीमत 25 से 30 हजार रुपये तक है और समय के साथ इसकी कीमत में बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है. ऐसे में एक एकड़ की खेती से 1 करोड़ रुपये की कमाई आराम से की जा सकती है.

घर खरीदने की सही उम्र क्या? Home Loan पर कैसे लें मैक्सिमम फायदा, आइए जानें

आर्थिक क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि घर खरीदने के लिए किसी एक उम्र सीमा को सबसे बेहतर बताना संभव नहीं है। यह किसी भी व्यक्ति के वित्तीय हालात पर निर्भर करता है।

Written by: Alok Kumar @alocksone
Published on: January 29, 2022 15:26 IST

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Highlights

  • घर खरीदने का फैसला व्यक्ति को वित्तीय हालात को प्रोफिट लें क्या है? देखते हुए करना चाहिए
  • आप जल्द होम लोन लेकर अधिकतम आयकर की बचत कर सकते हैं
  • घर खरीदने से पहले ऑनलाइन और ऑफलाइन रिसर्च जरूर करें

नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने हम सभी को घर की अहमियत से रूबरू करा दिया है। इसका ही असर है कि कोविड संकट के बीच घरों की बिक्री ने बीते 8 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। घरों की मांग बढ़ने के साथ ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में कीमतें बढ़ेंगी। इसकी दूसरी वजह रॉ मैटेरियल्स की बढ़ी कीमतों का असर आना भी बताया जा रहा है। ऐसे में एक बड़ा ही वाजिब सवाल है कि घर खरीदने की सही उम्र क्या है? अगर, आप नौकरी पेशा से जुड़े हैं या करोबार करते हैं तो किस उम्र में आपको घर खरीद लेना चाहिए। आइए, विशेषज्ञों से लेते हैं इस अहम सवाल का जवाब।

वित्तीय स्थिति मजबूत तो 25 से 30 के बीच लें फैसला

आर्थिक क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि घर खरीदने के लिए किसी एक उम्र सीमा को सबसे बेहतर बताना संभव नहीं है। यह किसी भी व्यक्ति के वित्तीय हालात पर निर्भर करता है। अगर, आप 25 साल की उम्र में वित्तीय रूप से मजबूत है तो घर खरीद सकते हैं। वहीं, कोई 30 या 40 साल की उम्र में वित्तीय रूप से मजबूत बनता है तो घर खरीद सकता है। घर खरीदने का फैसला व्यक्ति को वित्तीय हालात को देखते हुए करना चाहिए। वैसे 25 से 30 साल के व्यक्ति अगर घर खरीदता है तो वह घर के साथ होम लोन पर भी मैक्सिमम फायदा उठा सकता है।

जल्दी खरीदने पर 1 करोड़ से अधिक की बचत

मान लीजिए कि आप किराए के मकान में रहते हैं। इसके लिए आप हर महीने 12,000 रुपये किराया देते हैं। यह किराया सालाना 10 फीसदी की दर से बढ़ता है। इस तरह आप 30 वर्षों में करीब 2.4 करोड रुपये के कुल किराए का भुगतान करेंगे। अगर आप 25 से 30 साल की उम्र में 30 वर्षों की ईएमआई पर 40 लाख रुपये का घर खरीदते हैं। इस मामले में आपको लगभग 40,280 की ईएमआई (7.5 फीसदी सालाना ब्याज) 30 साल के लिए देने होंगे। इस तरह आपको करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। यानी 1 करोड़ की बचत आप ऐसे कर सकते है।

होम लोन पर इस तरह अधिकतम बचत

इसके अलावा आप होम लोन की EMI पर 1.5 लाख की कर छूट आयकर की धारा 80सी के तहत प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, धारा 24बी के तहत होम लोन के ब्‍याज पर सालाना 2 लाख रुपये की बचत प्राप्त कर सकते हैं। आप जल्द होम लोन लेकर अधिकतम कर की बचत कर सकते हैं। यानी अगर आप शुरुआती कमाई के साथ घर खरीदने का फैसला करते हैं तो न सिर्फ आप घर की कीमत पर बल्कि होम लोन के जरिये भी बड़ी बचत आसानी से कर सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि बाद में जिम्मेदारी बढ़ने पर आपको EMI चुकाने के लिए परेशान भी नहीं होना होगा।

आयु के आधार पर लोन की पात्रता

बैंक भी कम उम्र के व्यक्ति को आसानी से अधिक रकम का लोन दे देते हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि बैंक को पता होता है कि लोन लेने वाले व्यक्ति के पास लोन चुकाने के लिए काफी लंबा वक्त है। वहीं, उम्र अधिक होने पर बैंक बड़ा लोन देने में आनकानी करते हैं।

Kaynes Technology ने निवेशकों की भर दी जेब, लिस्टिंग पर मिला 32% रिटर्न, क्‍या कर लें मुनाफा वसूली?

KTIL डिफेंस सेक्‍टर में काम करती है. हाल फिलहाल के आईपीओ मार्केट पर नजर डालें तो डिफेंस शेयरों प्रोफिट लें क्या है? की लिस्टिंग पर अच्‍छा रिटर्न मिला है.

Kaynes Technology ने निवेशकों की भर दी जेब, लिस्टिंग पर मिला 32% रिटर्न, क्‍या कर लें मुनाफा वसूली?

Kaynes Technology India Limited-KTIL के शेयरों की आज 22 नवंबर 2022 को स्‍टॉक मार्केट में मजबूत लिस्टिंग हुई है.

Kaynes Technology Share List on BSE, NSE: इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के कारोबार वाली कंपनी Kaynes Technology India Limited-KTIL के शेयरों की आज 22 नवंबर 2022 को स्‍टॉक मार्केट में मजबूत लिस्टिंग हुई है. कंपनी के शेयर की बीएसई पर 775 रुपये के भाव पर शुरूआत हुई, जबकि IPO के तहत अपर प्राइस 587 रुपये था. यानी लिस्टिंग पर ही निवेशकों को 32 फीसदी रिटर्न मिल गया. हर शेयर पर 188 रुपये का मुनाफा हुआ है. फिलहाल सवाल उठता है कि लिस्टिंग के बाद निवेशकों को क्‍या करना चाहिए. शेयर बेचकर मुनाफा कमा लें या और मुनाफे के लिए बने रहें.

मुनाफा वसूली करें या नहीं?

Swastika प्रोफिट लें क्या है? Investmart के हेड ऑफ इक्विटी मार्केट गिरीश सोडानी का कहना है कि जिन निवेशकों को शेयर मिला है, उन्‍हें कुछ हिस्‍सा बेचकर प्रॉफिट बना लेने की सलाह है. शेयर में और तेजी आए तो आगे भी कुछ मुनाफा वसूली कर सकते हैं. अगर नए निवेशक हैं तो अभी इंतजार करें. शेयर में जब गिरावट आए तो लंबी अवधि के नजरिए से पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं.

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डिफेंस कंपनियों का बेहतर है ट्रैक रिकॉर्ड

KTIL डिफेंस सेक्‍टर में काम करती है. हाल फिलहाल के आईपीओ मार्केट पर नजर डालें तो डिफेंस शेयरों की लिस्टिंग पर अच्‍छा रिटर्न मिला है. शेयर ने लंबी अवधि में भी बेहतर प्रदर्शन किया है. लिस्टिंग पर डिफेंस शेयरों ने 185% तक रिटर्न दिए हैं.

Paras Defence की लिस्टिंग 1 अक्‍टूबर 2021 को हुई थी. शेयर की लिस्टिंग इश्‍यू प्राइस से 185 फीसदी प्रीमियम पर हुई. जबकि अबतक शेयर ने 243 फीसदी रिटर्न दिया है.

MTAR Tech की लिस्टिंग 15 मार्च 2021 को 88 फीसदी प्रीमियम पर हुई. अबतक रिटर्न 167 फीसदी रहा है.

Data Patterns की लिस्टिंग 24 दिसंबर 2021 को 29 फीसदी प्रीमियम पर हुई. शेयर ने अबतक 135 फीसदी रिटर्न दिया है.

DCX Systems की लिस्टिंग 11 नवंबर 2022 को 49 फीसदी प्रीमियम पर हुई. शेयर ने अबतक 29 फीसदी रिटर्न दिया है.

Dreamfolks Serv की लिस्टिंग 6 सियतंबर 2022 को 42 फीसदी प्रीमियम पर हुई. अबतक रिटर्न 17.24 फीसदी रहा.

निवेशकों का मिला था अच्‍छा रिस्‍पांस

Kaynes Technology के आईपीओ को निवेशकों का शानदार रिस्‍पांस मिला था. कंपनी का इश्‍यू को कुल 34.16 गुना सब्सक्रिप्शन मिला. आईपीओ को 1.04 करोड़ शेयरों के मुकाबले 35.76 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मिलीं. इस आईपीओ के तहत, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के हिस्से को 98.47 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स की कैटेगरी को 21.21 गुना और रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स (RII) को 4.09 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है.

लंबी अवधि में मिल सकता है बेहतर रिटर्न

ब्रोकरेज हाउस आनंद राठी के मुताबिक Kaynes Technology एक तेजी से ग्रोथ कर रही ESDM सर्विसेज कंपनी है, जिसका पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाइड है. कंपनी का बिजनेस मॉडल मजबूत है और यह ऑटोमोटिव, इंडस्ट्रियल, एयरोस्‍पेस एंड डिफेंस, मेडिकल डिवाइसेज, रेलवे और इंटरनेट ऑफ थिंग्‍स सेग्‍मेंट में है. इन सेक्‍टर में डिमांड बढ़ रही है. कंज्‍यूमर और इंडस्ट्रियल इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स में बढ़ रही डिमांड, ग्‍लोबल मैन्‍युफैक्‍चरिंग एन्‍वायरमेंट में बदलाव का भी कंपनी लाभ लेने की स्थिति में है. कंपनी का वैल्‍युएशन फेयर दिख रहा है. रेवेन्‍यू आउटलुक मजबूत है. ऐसे में लंबी अवधि में इसमें पैसा बन सकता है.

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क्या अब सोने में निवेश करना चाहिए या प्रॉफिट बुक करके निकल लें?

सोने की कीमत 56 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार करने के बाद ज्यादातर निवेशकों के मन में बड़ा सवाल है कि क्या मौजूदा कीमतों पर गोल्ड में निवेश करना चाहिए? या प्रॉफिट बुक करके निकल जाना चाहिए।.

क्या अब सोने में निवेश करना चाहिए या प्रॉफिट बुक करके निकल लें?

सोने की कीमत 56 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार करने के बाद ज्यादातर निवेशकों के मन में बड़ा सवाल है कि क्या मौजूदा कीमतों पर गोल्ड में निवेश करना चाहिए? या प्रॉफिट बुक करके निकल जाना चाहिए। अगर एक्सपर्ट की माने तो सोना दिवाली तक 60,000 रुपये तक पहुंच सकता है। हालांकि, अब निवेश करने पर निवेशकों को उतना रिटर्न नहीं मिल पाएगा जितना बीते छह महीने में मिला है। जैसे-जैसे कोरोना की वैक्सीन आने की दिशा में काम आगे बढ़ेगा उतना ही सोने की कीमतों में सुधार नजर आएगा।

सोने मे प्रोफिट लें क्या है? बीते छह महीने में आई 24 फीसदी की तेजी

विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना संकट के बीच जारी वैश्विक अनिश्चितता के चलते सोने के दामों में तेजी आई। कोरोना संकट के कारण बीते छह महीने में सोने के दामों में 24 फीसदी की तेजी आई। 10 ग्राम सोने का भाव 56,000 रुपये के शिखर पर पहुंच गया। वहीं, पिछले पांच वर्षों में प्रति वर्ष 12.8 प्रतिशत का ही लाभ दिया है।

क्या अभी निवेश करना होगा सही ?

एक्सपर्ट ये भी मानते हैं कि सोना दिवाली तक 60 हजार के स्तर पर पहुंच सकता है। जेपी मॉर्गन की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले दो साल में सोना 70 हजार रुपये के पार पहुंच सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संकट खत्म होने के बाद भी दुनिया का आर्थिक संकट तुरंत खत्म होने वाला नहीं है। ऐसे में अर्थव्यवस्था में उथल - पुथल के बीच सोने की मांग में आगे भी तेजी बनी रहने की उम्मीद है।

सोने और चांदी के भाव में आई बड़ी गिरावट, जानें कितना सस्ता हुआ गोल्ड

लेकिन बीते तीन दिन में 3,800 तक गिरे दाम

सोने के हाजिर भाव में बीते तीन दिनों में करीब 3,800 रुपये की गिरावट आई है। भारत में आमतौर पर सोना संकटकाल में निवेश के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है क्योंकि लोग इसे सबसे सुरक्षित मानते हैं। कोरोना जैसी परेशानी के बाद सोने के दाम ने 56000 रुपये का शिखर देख लिया है। रूस की कोरोना वैक्सीन को लेकर आ रही खबरों के बाद सोने के दामों में गिरावट आई है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी गिरे दाम


अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने के कीमतों में गिरावट जारी है। हाजिर सोना की कीमतों में 2.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और इसकी कीमत 1,863.67 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी वायदा सोने की कीमत 2.8% गिरकर 1,892 डॉलर प्रति औंस रह गई है। चांदी की कीमत में भी 3.3 फीसदी की तेज गिरावट दर्ज की गई है। चांदी का भाव 23.96 डॉलर प्रति औंस रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में वैश्विक बाजार में सोना एक बार फिर से 1700 डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू सकता है।

क्या प्रॉफिट बुक करके निकलना होगा सही?

एक्सपर्ट का मानना है कि कोरोना की वैक्सीन बाजार में आने की दिशा में काम आगे बढ़ने पर सोने के दाम में सुधार आएगा। ऐसे में निवेशकों को उतना रिटर्न गोल्ड से नहीं मिलेगा जितना बीते छह महीने या एक साल में मिला है लेकिन उनका मानना है कि सोने प्रोफिट लें क्या है? में निवेश कभी भी गलत नहीं होता।

सोने ने इतना दिया रिटर्न

सोने ने रुपये के रूप में हमेशा बेहतर लाभ दिया है। वर्ष 2001 के बाद से सोने ने प्रतिवर्ष 13 प्रतिशत लाभ दिया है। पिछले 15 वर्षों की बात करें , तो सोने ने प्रतिवर्ष 14.7 प्रतिशत का लाभ दिया है। पिछले 10 वर्षों में सोने ने प्रति वर्ष 10.1 प्रतिशत और पिछले पांच वर्षों में प्रति वर्ष 12.8 प्रतिशत का लाभ दिया है।

Rudraksha Wearing Rules: रुद्राक्ष धारण करते हैं तो जान लें जरूरी नियम, नहीं तो फायदे की जगह हो सकता है नुकसान, जानिए क्या है मान्यता

Rudraksha Wearing Rules: रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना गया है. शास्त्रों में इसे धारण करन के लिए खास नियम बताए गए हैं.

Rudraksha Wearing Rules: रुद्राक्ष धारण करते हैं तो जान लें जरूरी नियम, नहीं तो फायदे की जगह हो सकता है नुकसान, जानिए क्या है मान्यता

Rudraksha Wearing Rules: रुद्राक्ष धारण करने के खास नियम बताए गए हैं.

खास बातें

  • रुद्राक्ष को माना जाता है भगवान शिव का अंश.
  • कहा जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से मिलती है मानसिक शांति.
  • रुद्राक्ष की माला में मनकों की संख्या का रखा जाता है ध्यान.

Rudraksha Wearing Rules: हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक रुद्राक्ष (Rudraksha) को भगवान शिव (Lord Shiv) का अंश है. इसलिए शिवजी के भक्त इसे गले में धारण करते हैं. रुद्राक्ष (Rudraksha) की उत्पत्ति के बारे पौराणिक कथा है कि माता सती के शरीर त्यागने के बाद भगवान शिव के आंसू जहां-जहां गिरे वहां-वहां रुद्राक्ष के वृक्ष उत्पन्न हो गए. मान्यता है कि उन वृक्षों में जो फल आए उसे रुद्राक्ष के रूप में जाना जाने लगा. कहा जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है. इसके अवाला यह भी बताया जाता है कि जहां रुद्राक्ष रहता है, वहां किसी प्रकार का अनिष्ट नहीं होता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कुछ कार्य करते वक्त रुद्रक्ष धारण नहीं किया जाता है.

रुद्राक्ष धारण करने के नियम | Rules for Wearing Rudraksha

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धार्मिक मान्यता के मुताबिक रुद्राक्ष पहनकर शवयात्रा में जाना निषेध है. अगर किसी की अंतिम यात्रा में जा रहे हैं तो उसके पहले रुद्राक्ष (Rudraksha) को उतारकर भगवान के समक्ष रख देना चाहिए. इस बारे में कहा जाता है कि भोलेनाथ जन्म-मृत्यु से परे हैं. ऐसे में उनके अंश को जन्म और मृत्यु के जुड़े स्थान पर पहनकर नहीं जाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से रुद्राक्ष की शक्ति नष्ट हो जाती है.

रुद्राक्ष पहनकर कभी भी प्रसूति कक्ष यानी जहां बच्चे का जन्म हुआ है, वहां नहीं जाना चाहिए. हालांकि जब बच्चे का जातकर्म संस्कार हो जाने के बाद यह नियम लागू नहीं होता है.

सोने से पूर्व रूद्राक्ष (Rudraksha) को गले से उतारकर स्वच्छ स्थान पर रख दिया जाता है. कहा जाता है कि जब व्यक्ति निद्रा की अवस्था में होता है तो शरीर अशुद्ध और निस्तेज रहता है. वैसे भी रुद्राक्ष की माला (Rudraksha Mala) पहनकर सोने से वह टूट सकता है. इसलिए भी सोते वक्त रुद्राक्ष को गले से उतार देने का विधान है.

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक रुद्राक्ष को काले धागे में पिरोकर धारण नहीं करना चाहिए. इसके अलावा रुद्राक्ष धारण करने वालों को तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए. दरअसल माना जाता है कि ऐसा करने से रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता है. साथ ही मदिरापान करने वालों को भी रुद्राक्ष धारण करने से परहेज करना चाहिए. कहा जाता है कि इन चीजों का सेवन करने से रुद्राक्ष का विपरीत असर हो सकता है.

शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार, दूसरों का पहना हुआ रुद्राक्ष कभी धारण नहीं किया जाता है. वहीं रुद्राक्ष की माला में उसके मनकों का भी विशेष ध्यान रखा जाता है. मनकों की संख्या हमेशा विषम होना चाहिए. कहा जाता है कि 27 मनकों से कम की माला नहीं होनी चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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