आर्थिक सशक्तिकरण एक बड़ा सामाजिक बदलाव लेकर आता है और आज के दौर में महिलाओं के लिए स्टॉक मार्केट का चयन सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है. अच्छी बात यह है कि वे खुद आगे बढ़कर इस बदलाव को अपना रही हैं और भारत व विश्वभर में बदलाव के अग्रदूत बनकर उभरी हैं.

Intraday Trading Vs Delivery Trading

Stop Loss Order- स्टॉप-लॉस ऑर्डर

क्या होता है स्टॉप-लॉस ऑर्डर?
स्टॉप-लॉस ऑर्डर (Stop Loss Order) किसी सिक्योरिटी को उस वक्त बेचने या खरीदने के लिए किसी ब्रोकर को दिया गया ऑर्डर है, जब यह एक विशेष कीमत टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू पर पहुंच जाती है। स्टॉप-लॉस ऑर्डर की रूपरेखा सिक्योरिटी में एक पोजिशन पर निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए बनाई जाती है और यह स्टॉप-लिमिट ऑर्डर से अलग होता है। जब कोई स्टॉक, स्टॉप प्राइस से नीचे चला जाता है तो ऑर्डर एक मार्केट ऑर्डर बन जाता है और यह अगली उपलब्ध कीमत पर एक्सीक्यूट होता है। उदाहरण के लिए एक ट्रेडर एक स्टॉक खरीद सकता है और इसे खरीद कीमत से 10 प्रतिशत नीचे स्टॉप-लॉस ऑर्डर पर रख सकता है। अगर स्टॉक में गिरावट आती है तो स्टॉप-लॉस ऑर्डर सक्रिय हो जाएगा और स्टॉक, एक मार्केट ऑर्डर की तरह बिक जाएगा। हालांकि अधिकांश निवेशक एक लॉन्ग पोजिशन के साथ स्टॉप-लॉस ऑर्डर से जुड़ सकते हैं, यह शॉर्ट पोजिशन को भी सुरक्षित कर सकता है, जिसमें सिक्योरिटी खरीदी जाती है अगर यह निर्धारित कीमत से ऊपर ट्रेड करती है।

Women’s Day 2020: ‘गृहलक्ष्मी’ नहीं अब फुल टाइम ट्रेडर, शेयर बाजार ने ऐसे दिखाई महिलाओं को राह

Women’s Day 2020: ‘गृहलक्ष्मी’ नहीं अब फुल टाइम ट्रेडर, शेयर बाजार ने ऐसे दिखाई महिलाओं को राह

women msme

महिलाओं की उपलब्धियां अब न्यूजरूम में होने वाली परंपरागत चर्चाओं से काफी आगे निकल चुकी हैं. मौजूदा दौर में वे स्पेस वॉक(क्रिस्टीना कोच और जेसिका मेयर) और लूनर मिशन(मुत्थ्या वनीथा) पर जा रही हैं. आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट (गीता गोपीनाथ) और विश्व बैंक में चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (अंशुला कांत) बन रही हैं. यहां तक कि पुरुषों के पूरे दस्ते को लीड (भावना कस्तूरी) कर रही हैं. और तो और युद्ध सेवा मेडल (मिंटी अग्रवाल) हासिल कर टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू रही हैं, जो जीवन के प्रत्येक पहलू में उनकी मानसिक मजबूती को दर्शाता है. सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें से ज्यादातर को प्रोत्साहन भारत से मिला है.

आर्थिक सशक्तिकरण

पहले हमें यह समझना होगा कि हम एक पूंजीवादी समाज में रहते हैं. इसीलिए पूंजीवादी कारकों द्वारा चीजों को खरीदने की हमारी क्षमता से समाज में हमारी जगह तय होती है. इसमें हमारा बैंक बैलेंस, स्थिर और अस्थिर पूंजी और हमारी कमाई शामिल है. गृहणियों को हाशिए पर रखा जाता है, क्योंकि वे अपने घर के लिए कुछ कमाई नहीं करती हैं. इससे उनके रोजाना जीवन में काफी प्रभाव पड़ता है.

Investors Alert: म्‍यूचुअल फंड निवेशक रहें अलर्ट, रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रहा शेयर बाजार, SIP स्‍ट्रैटेजी में करें ये बदलाव

New Fund Offer: IIFL म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया भारत का पहला टैक्स सेवर इंडेक्स फंड, 21 दिसंबर तक निवेश का है मौका

लगातार कमाई का माध्यम

प्राचीन काल से ही महिलाओं को एक साथ कई काम करने और पूरी निष्ठा के साथ करने के लिए जाना जाता रहा है. आज उनके लिए अतिरिक्त कमाई करना कोई बड़ी बात नहीं रह गई है. रहन-सहन का खर्च लगातार बढ़ने के कारण अपनी कमाई में कुछ तेजी लाने में ही समझदारी है. ऐसी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने आप को गृहणी से फुल टाइम ट्रेडर में बदला है और कमाई कर रही हैं, जिसे एक सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प माना जाता है.

टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टॉक मार्केट की पहुंच बढ़ने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा महिलाएं ट्रेडिंग कर रही हैं. ऐसे में ये महिलाएं अपनी गृहणी की अपनी पारंपरिक भूमिका से आगे निकल गई हैं. अब वे भी घर में कमाई करने वाले सदस्यों के रूप में गिनी जाती हैं. इसके अलावा देश के सभी क्षेत्रों में महिलाएं सब ब्रोकर के रूप में काम करने के विकल्प को भी अपना रही हैं और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इक्विटी मार्केट से जोड़ रही हैं. इससे वे न सिर्फ घर में आर्थिक भागीदारी निभा रही हैं, बल्कि देश में आर्थिक सहयोग दे रही हैं.

टेक्नोलॉजी का सहयोग

कई महिलाओं को लगता है कि स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के लिए गणित में महारत हासिल होनी चाहिए. हालांकि यह सच्चाई नहीं है. आज के दौर में स्टॉक ब्रोकर के पास ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसकी मदद से वे अपने ग्राहकों के लिए मार्केट एनालिसिस करते हैं. इसमें आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से निवेशकों को मार्केट के बारे में सलाह दी जाती है. इसके माध्यम से कोई भी सलाह देने से पहले अरबो डेटा प्वॉइंट का अध्ययन किया जाता है. ये पर्सनलाइज्ड रिसर्च के आधार पर रोजना सलाह भी देते हैं. इस तरह की टेक्नोलॉजी का उपयोग महिलाओं को निवेशक बनने के लिए प्रोत्साहित करता है और वे स्वयं को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकती हैं.

एक व्यापक बदलाव के तौर पर एक अनुमान है कि भारत 2025 तक 770 अरब डॉलर की जीडीपी जनरेट करेगा. यह महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना कर ही किया जा सकता है. वैश्विक स्तर पर यही आंकड़ा करीब 120 खरब डॉलर का होगा. इसलिए यह बदलाव बेहतर है और पूरे आर्थिक मोर्चे के लिए सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा.

4। Binomo

Binomo एक द्विआधारी विकल्प दलाल है जो 2014 से आसपास रहा है।

उनके पास चुनने के लिए विभिन्न प्रकार की संपत्तियों के साथ एक उत्कृष्ट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, और वे उद्योग में कुछ उच्चतम भुगतान प्रदान करते हैं।

निकासी को जल्दी और बिना किसी परेशानी के संसाधित किया जाता है, और यदि आपके कोई प्रश्न या समस्या हैं तो उनका ग्राहक सेवा विभाग हमेशा आपकी मदद करने के लिए तैयार है।

व्युत्पन्न

Deriv.com एक नया ब्रांड है जो डिजिटल ऑप्शन ट्रेडिंग में तेजी से उद्योग का नेता टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू बन गया है।

वे CFTC द्वारा पूरी तरह से विनियमित हैं और मनी-मीडिया से 2016 के सर्वश्रेष्ठ नए द्विआधारी विकल्प ब्रोकर सहित कई पुरस्कार जीते हैं।

उनकी नवीन तकनीक बाजार में कुछ उच्चतम भुगतान की पेशकश करते हुए एक दिन के भीतर त्वरित जमा और निकासी की अनुमति देती है।

  1. जमा करने के तरीके: क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, बैंक वायर, Skrill, Neteller
  2. न्यूनतम जमा: $ 5
  3. विशेषताएं: 24 / घंटे ग्राहक सहायता, उच्च भुगतान, तेजी से निकासी, नवीन तकनीक
  4. विनियमन: CFTC-विनियमित
  5. कंपनी की प्रतिष्ठा: बढ़िया

2022 के विदेशी मुद्रा व्यापार मंच।

2022 के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म

एक्सएम फॉरेक्स एक विनियमित ब्रोकर है जो 2009 से व्यवसाय में है।

वे लोकप्रिय सहित विभिन्न प्रकार के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं मेटाTradeआर एमटी-चार मंच, मोबाइल एप्लिकेशन और वेब प्लेटफ़ॉर्म।

एक्सएम फॉरेक्स प्रतिस्पर्धी भुगतान, तेजी से निकासी, और संपत्ति का विस्तृत चयन प्रदान करता है trade.

वे उन कुछ दलालों में से एक हैं जो पेशकश करते हैं इस्लामी खाते, जो शरिया कानून के अनुरूप हैं।

हम उन्हें क्यों पसंद करते हैं: शानदार भुगतान, तेज़ निकासी, और संपत्तियों का विस्तृत चयन। वे उन कुछ दलालों में से एक हैं जो पेशकश करते हैं इस्लामी खाते।

टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू

“ अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका टाइम ने 20 मई के अपने नए संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कवर पेज पर. ”

अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका टाइम ने 20 मई के अपने नए संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कवर पेज पर जगह दी है। लेकिन पत्रिका ने पीएम नरेंद्र मोदी को नकारात्मक पहलू में कवर पेज पर जगह दी है। मैगजीन ने उन्हें इंडियाज डिवाइडर इन चीफ की संज्ञा दी है। इसके बाद सोशल मीडिया पर दोतरफा तूफान आ गया है। ट्विटर पर ट्रेडिंग में शीर्ष पर चल रहे इस मुद्दे पर लोगों में विभाजन दिख रहा है। टाइम की इस संज्ञा का समर्थन और विरोध कर रहे लोगों के बीच सोशल मीडिया पर गरमा-गरम बहस छिड़ गई है।

आपको बता टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू दें कि टाइम पत्रिका ने ही साल 2014-15 में नरेंद्र मोदी को दुनिया के 100 प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया था। इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर तो जैसे लोगों कि प्रतिक्रियाओं का सैलाब सा आ गया। कुछ लोगो को टाइम की यह टिप्पणी बिलकुल रास नही आई, तो वहीं तमाम लोग इसके सर्मथन में भी बोले। हालांकि अब तक किसी भी नेता या अभिनेता की कोई प्रतिक्रिया नही आई है, आईये नजर डालते हैं लोगो ने क्या-क्या कहा-

रेटिंग: 4.42
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 558