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करियर ब्रेक लेने से पहले अपनाएं ये जरूरी टिप्स
करियर ब्रेक से पहले कई चीजों का ध्यान रखना जरूरी होता है ताकि आपको घर के जरूरी खर्चों को संभालने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो। इस ब्रेक को हैंडल करने के लिए आपको पहले से रेडी रहना बहुत जरूरी होता है।
करियर ब्रेक से पहले अगर आप फाइनेंशियल प्लानिंग के साथ-साथ कुछ जरूरी बातों का ध्यान नहीं रखेंगी तो आपको कई सारी परेशानी भी हो सकती हैं और इससे आपका बजट भी बिगड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं इन सभी जरूरी बातों के बारे में।
1)करियर ब्रेक से पहले करें इमरजेंसी फंड की तैयारी
आपको करियर ब्रेक लेने से पहले इमरजेंसी फंड का भी ध्यान रखना चाहिए ताकि आपको भविष्य में घर के खर्चों को हैंडल करने में परेशानी ना हो। आपको करियर ब्रेक लेने से पहले यह तय करना चाहिए की आपको कितने समय का ब्रेक चाहिए और फिर उस हिसाब से आप अपनी प्लानिंग कर सकती हैं।
इसके साथ-साथ आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि अगर आप किसी लोन की किश्त को हर माह भरती हैं तो उसके लिए भी अलग से पैसे आपको सेव करके रखने होंगे ताकि आपको लोन चुकाने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो।
2)विकल्प में नौकरी रखें
आपको अपने खर्चों को भी करियर ब्रेक के समय थोड़ा कम कर देना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर आपको किसी अन्य व्यक्ति से सहायता ना निवेश का प्रकार चुनें लेनी पड़े।(करियर स्विच करने के बारे में सोच रही हैं तो पहले खुद से करें यह सवाल)
इसके साथ-साथ आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जब आप दोबारा किसी अन्य कंपनी में अगर अप्लाई करें तो आपको नौकरी मिलने में बहुत अधिक वक्त ना लगे। अगर आप चाहें तो इस करियर ब्रेक निवेश का प्रकार चुनें में फ्रीलांसिंग भी कर सकती हैं और अपनी कमाई को जारी रख सकती हैं।
3)निवेश का भी रखें ध्यान
अगर आप किसी पॉलिसी या स्कीम में निवेश भी कर रही हैं और आप उसका भविष्य में फायदा उठाना चाहती हैं तो ऐसे में आपको करियर ब्रेक लेते समय यह ध्यान रखना होगा कि आप जिस भी स्कीम में निवेश कर रही थी उस स्कीम में आप निवेश को जारी रखें ताकि आपको भविष्य में करियर ब्रेक की वजह से घाटा निवेश का प्रकार चुनें ना झेलना पड़े।(वर्कलाइफ बैलेंस: ऑफिस और घर दोनों मोर्चों पर वर्किंग मॉम के निवेश का प्रकार चुनें आगे रहने के लिए स्मार्ट टिप्स)
इसके साथ-साथ आपको घर के जरूरी खर्च का बजट बना कर रखें। जैसे बिजली बिल, पानी बिल और बच्चों की फीस के लिए अलग से पैसे सेव करके रख लीजिए ताकि आपको बाद में परेशानी ना हो।
तो ये थी वो सभी बातें जो आपको करियर ब्रेक लेने निवेश का प्रकार चुनें से पहले ध्यान रखनी चाहिए। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
एफडी से भी ज्यादा रिटर्न देते हैं डायनामिक बांड फंड, जानिए इनके बारे में सबकुछ
Fixed Deposit : वैश्विक और घरेलू स्तर पर बनी मौजूदा अनिश्चतता को देखते हुए अधिकांश विशेषज्ञ डायनामिक बांड फंडों में निवेश की सिफारिश कर रहे हैं. इसमें 10 प्रतिशत तक के रिटर्न की संभावना है.
Dynamic Bond Fund : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मई से अब तक पांच बार रेपो रेट यानी ब्याज दरों (Interest Rate) में वृद्धि कर चुका है. इस दौरान रेपो रेट में 225 आधार अंक या 2.25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. महंगाई लगातार आरबीआई (Reserve Bank of India) के अधिकतम स्तर छह प्रतिशत के आसपास बनी हुई है. ऐसे में भविष्य में क्या होगा, इसको लेकर कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं है. वैश्विक और घरेलू स्तर पर बनी मौजूदा अनिश्चतता को देखते हुए अधिकांश विशेषज्ञ डायनामिक बांड फंडों में निवेश की सिफारिश कर रहे हैं. इसमें 10 प्रतिशत तक के रिटर्न की संभावना है.
जानकारों का कहना है कि इस वर्ग निवेश का प्रकार चुनें में कई योजनाएं उपलब्ध हैं. इनमें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ऑल सीजन्स बांड फंड सबसे ऊपर है. यह इस वर्ग में संपत्ति के मामले में सबसे बड़ी स्कीम भी है और इसका 10 वर्षों से अधिक का लगातार अच्छा ट्रैक-रिकॉर्ड रहा है. यह स्कीम उस अवधि को बढ़ाती है जब ब्याज दर में पूंजी वृद्धि से होने वाले लाभ में गिरावट की उम्मीद होती है. यह उस अवधि को कम कर देती है, जब ब्याज दर में वृद्धि होने की उम्मीद होती है ताकि बाजार नुकसान से जोखिम कम हो सके. इसके बारे में लिया जाने वाला कोई भी फैसला एक इन-हाउस मॉडल पर आधारित होता है जो कई निवेश का प्रकार चुनें छोटे बड़े कारकों को ध्यान में रखता है.
10 वर्ष के निवेश पर दिया 9.3 प्रतिशत तक रिटर्न
सही समय पर लिए गए फैसलों के चलते निवेश का प्रकार चुनें जिन निवेशकों ने फंड में निवेश बनाए रखा है, उन्हें अलग-अलग समय में फंड से लाभ हुआ है. तीन, पांच और 10 वर्षों में इस फंड ने अपने वर्ग में क्रमशः 7.1, 7.2 और 9.3 प्रतिशत रिटर्न देकर टॉप परफॉर्मर रहा है. दूसरा पहलू ब्याज दर पर आधारित है जो कारपोरेट बांड और जी-सेक के बीच निवेश करती है. इसलिए, जब ब्याज दरें अधिक होती हैं तो यह स्कीम लंबी अवधि की योजना की तरह व्यवहार करेगी और जब ब्याज दरें कम होंगी, तो यह एक संचय योजना की तरह व्यवहार करेगी.
मई 2009 में अपनी स्थापना के बाद से इस फंड ने विभिन्न ब्याज दर के दौर में अवधि को अच्छी तरह से मैनेज किया है और कुछ विपरीत परिस्थितियों में भी एनएवी में वृद्धि प्रदान की है. भले ही ब्याज दर का चक्र बढ़ रहा हो या घट रहा हो, यह फंड निवेश का प्रकार चुनें बाजार की स्थिति के अनुरूप खुद को अच्छी तरह से समायोजित कर सकता है. इसका आंतरिक ओनरशिप प्रोपराइटरी आर्थिक मॉडल इस फंड के निवेश के बारे में फैसले लेना आसान बनाता है. पोर्टफोलियो का स्ट्रक्चर मॉडल के परिणामों के आधार पर बदल सकता है क्योंकि अर्थव्यवस्था अपना गियर बदलती रहती है.
फ्लोटिंग रेट पर उच्च आवंटन
बढ़ती ब्याज दरों से लाभ पाने के साधन के रूप में इस योजना में 38.2 प्रतिशत पर फ्लोटिंग रेट बांड के लिए उच्च आवंटन है. फ्लोटिंग रेट बांड उस वर्ग के बांड होते हैं जो ब्याज दरों में किसी भी वृद्धि से लाभ पा रहे होते हैं, क्योंकि कूपन समय-समय पर रीसेट होते रहते हैं. यह निवेशकों के लिए अच्छे परिणाम में तब्दील होगा. बेहतर एक्रुअल्स से लाभ प्राप्त करने के लिए पोर्टफोलियो का 29 प्रतिशत हिस्सा एसेट के लिए आवंटित किया जाता है जो एए से ऊपर रेटेड हैं.
क्या होते हैं डायनामिक बांड फंड?
डायनामिक बांड फंड एक प्रकार के डेट म्यूचुअल फंड होते हैं जो डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स दोनों में निवेश करते हैं. इसमें विभिन्न अवधि की गवर्मेंट सिक्युरिटीज (जी-सेक) और कारपोरेट बांड शामिल हैं. डायनामिक बांड फंड में अवधि और मैच्योरिटी को लेकर कोई बाध्यता नहीं होती है. फंड मैनेजर ब्याज दर परिदृश्य के आधार पर विभिन्न अवधि के लिए निवेश करते हैं. छोटी और मध्य अवधिक के डेट फंड्स के मुकाबले डायनामिक डेट फंड में ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है, लेकिन इसमें विभिन्न ब्याज दर परिदृश्य के चलते ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है.
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English News Headline : Dynamic Bond Fund Give Higher Returns Than Fixed Deposit FD.
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