हर्षद मेहता: बिग बुल के पास कितनी संपत्तियां थीं?
भारत के सबसे बड़े वित्तीय धोखाधड़ी में से एक – 1992 के भारतीय शेयर बाजार घोटाले की असाधारण कहानी को कोई कितना भी प्रतिकूल रूप से क्यों न आंकें – एक अक्सर दलाल स्ट्रीट के बिग बुल के व्यक्तित्व के रहस्य से घिरा होता है, जिसे मीडिया द्वारा दिया गया एक उपनाम है। हर्षद मेहता । हर्षद मेहता घोटाला एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो विनम्र शुरुआत से आया था, जिसने असाधारण उत्थान और उससे भी अधिक असाधारण पतन किया था। मेहता ने शेयर बाजार में अपना भाग्य बनाया और खो दिया और अंततः 1992 के भारतीय प्रतिभूति घोटाले में एक प्रमुख साजिशकर्ता के रूप में कार्य करने के लिए ठाणे जेल में जेल की सजा काटते हुए मृत्यु हो गई, जिसने शेयर बाजार में दुर्घटना ला दी। हर्षद मेहता, जिन्हें उनके जीवन काल के दौरान शेयर बाजार के अमिताभ बच्चन के रूप में जाना जाता था, और उनकी जीवन कहानी कई फिल्मों और नाटकों के रूपांतरण और पुस्तकों का विषय रही है। राजकोट, गुजरात के एक विनम्र व्यक्ति, स्तंभकार बच्ची करकारिया के लिए, 'वह आदमी था जिसने अमीरों को लूटने की इजाजत देते हुए भी गरीब आदमी की जेब में पैसा डाला'। मेहता को 1990 के दशक में बुल मार्केट के उदय का अकेले दम पर नेतृत्व करने का गौरव प्राप्त है, जिससे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) सेंसेक्स जून 1991 में 1,300 से बढ़कर अप्रैल 1992 में 4,500 हो गया। भले ही ठाणे सिविल में उनकी मृत्यु हो गई। सीने में दर्द के बाद अस्पताल, हर्षद मेहता ने एक ऐसे द्रव्यमान का आनंद लिया था जो उनके पहले या बाद में किसी को नहीं मिला था। 2001 में उनकी मृत्यु के तुरंत बाद, बिग बुल के खिलाफ सभी मामलों का निपटारा कर दिया गया था।
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शेयर बाजार की तेजी में आप भी करना चाहते हैं कमाई, इससे पहले BSE व NSE की इस बात पर करें गौर
जो निवेशक इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स द्वारा ऊंचे या अत्यधिक रिटर्न के वादों का शिकार होते हैं उन्हें अंतत: इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 27, 2021 19:03 IST
Photo:PTI
BSE, NSE asks investors to deal with only registered stock brokers
नई दिल्ली। देश के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई ने निवेशकों को सतर्क करते हुए कहा है कि केवल रजिस्टर्ड स्टॉकब्रोकर्स के साथ ही लेनदेन करें। एक्सचेंज ने कहा है कि अनरजिस्टर्ड ब्रोकर्स भोले-भाले निवेशकों को ऊंचा रिटर्न का वादा कर उन्हें अपना लक्ष्य बनाते हैं। हाल ही में देखा गया है कि शेयर बाजार की तेजी के बीच नए व पहली बार निवेश करने वाले खुदरा निवेशकों के पास शेयर बाजार से कम समय में अधिक कमाई कराने का वादा करने वाले फोन कॉल्स आ रहे हैं।
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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में निवेशकों से कहा है कि वे किसी भी सुनिश्चित या गारंटीड रिटर्न के समझौते या व्यवस्था के तहत स्टॉक ब्रोकर को फंड या सिक्योरिटीज ट्रांसफर न करें। यह एडवाइजरी तब आई है जब एक्सचेंज ने देखा है कि कुछ अनरजिस्टर्ड इकाईयां और अनरेगूलेटेड इंटरनेट-बेस्ड प्लेटफॉर्म अपनी निवेश योजनाओं या उत्पादों पर ऊंचे/अत्यधिक रिटर्न का झूठा वादा कर भोले-भाले निवेशकों को अपना शिकार बना रहे हैं।
एनएसई ने कहा कि निवेशकों को सलाह दी जाती है कि केवल भारत के कुछ प्रमुख स्टॉक ब्रोकर सेबी के साथ रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के साथ ही लेनदेन करें और ऐसा करने से पहले अपने ब्रोकर का रजिस्ट्रेशन नंबर जरूर जांचें। ऐसे ब्रोकर्स नियामकीय व्यवस्था के तहत काम करते हैं और उन पर कार्रवाई करना भी आसान होता है।
एनएसई ने निवेशकों को आगाह किया है कि वे ट्रेडिंग के उद्देश्य से फंड का ट्रांसफर सेबी के साथ रजिस्टर्ड स्टॉकब्रोकर के अलावा ब्रोकर से जुड़े या उसके द्वारा अधिकृत किसी भी व्यक्ति को न करें। एक्सचेंज ने निवेशकों को सलाह दी है कि ऐसे किसी भी प्रतिभूति में अनुबंध के तहत उत्पन्न निवेश/लेनदेन से बचना चाहिए, जिन्हें नियमों के तहत अनुमति नहीं है।
एक्सचेंज ने निवेशकों को ऐसे धोखेबाजों से सतर्क रहने के लिए कहा है, जो ईमेल्स और एसएमएस भेजकर अनरजिस्टर्ड स्कीम/प्रोडक्ट्स में अत्यधिक लाभ का वादा कर स्टॉक या सिक्यूरिटीज में लेनदेन करने का भारत के कुछ प्रमुख स्टॉक ब्रोकर लालच देते हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में बीएसई और एनएसई ने निवेशकों से इंटरनेट-बेस्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स द्वारा पेश किए गए अनरेगूलेटेड डेरीवेटिव्स प्रोडक्ट्स जैसे कॉन्ट्रैक्ट्स फॉर डिफरेंस और बाइनरी ऑप्शन में निवेश करने से सतर्क किया था।
एक्सचेंजों ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि जो निवेशक इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स द्वारा ऊंचे या अत्यधिक रिटर्न के वादों का शिकार होते हैं उन्हें अंतत: इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है।
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ट्रेडिंग शुरू करने से पहले स्टॉकब्रोकर कैसे चुनें?
आर्थिक मंदी के बावजूद, खोले जा रहे नए डीमैट खातों की संख्या जो मार्च २०१९ तक 35.9 मिलियन थी वो मार्च 2020 में बढ़कर 40.8 मिलियन हो गई है। इसके अलावा, इक्विटी कैपिटल मार्केट्स ने अगस्त 2020 को समाप्त.
आर्थिक मंदी के बावजूद , खोले जा रहे नए डीमैट खातों की संख्या जो मार्च २०१९ तक 35.9 मिलियन थी वो मार्च 2020 में बढ़कर 40.8 मिलियन हो गई है । इसके अलावा , इक्विटी कैपिटल मार्केट्स ने अगस्त 2020 को समाप्त होने वाली 5 महीने की में अवधि 24% की साल दर साल की वृद्धि दिखाई है। नए डीमैट खातों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि और शेयर बाजार गतिविधियों में बढ़ोतरी भारतीय शेयर बाजार में रीटेल निवेशकों की बढ़ते हुए भागीदारी को दर्शाता है।
शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाले नए निवेशकों के पास फुल -सर्विस ब्रोकरेज फर्म और डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म यह दो विकल्प होते है।
डिस्काउंट ब्रोकरेज बनाम फुल -सर्विस ब्रोकरेज
भारतीय ब्रोकरेज उद्योग पिछले कुछ वर्षों में इन दो प्रमुख सेवाओं को प्रदान कर रही है -
डिस्काउंट ब्रोकर : एक डिस्काउंट ब्रोकर वह है जो डीमैट और ट्रेडिंग खातों की बुनियादी सेवाएं किफायती मूल्य में प्रदान करता है। यहाँ आप न केवल सब्सक्रिप्शन प्लान्स का चयन कर सकते हैं बल्कि कम ब्रोकरेज दरों का लाभ भी उठा सकते है।
फुल -सर्विस ब्रोकर : ये वित्तीय संस्थान हैं जो स्टॉक ट्रेडिंग सेवाओं के साथ-साथ अनुसंधान और सलाह प्रदान करते हैं। हालांकि, वे तुलनात्मक रूप से अधिक ब्रोकरेज लेते हैं जो आपके ट्रेडिंग वॉल्यूम के आनुपातिक होते हैं।
आजकल अधिकतर नए निवेशकों का डिस्काउंट ब्रोकरेज की ओर अधिक झुकाव है क्योंकि यह उनको कम मूल्य पर अधिक ट्रेड करने का मौका देता है।
ब्रोकर चुनते समय इन तथ्यों का विचार करे : ब्रोकर का चयन आपके ट्रेडिंग करने के अनुभव और ट्रेडिंग के दौरान जो ब्रोकरेज के खर्च आते हैं उसपे उल्लेखनीय प्रभाव डालेगा। नीचे कुछ महत्वपूर्ण मापदंड दिए गए हैं जिनका मूल्यांकन आप एक सही ब्रोकर को चुनने के दौरान कर सकते है।
ब्रोकरेज शुल्क : ब्रोकरेज शुल्क का महत्व बहुत है चाहे आप कभी कभी या बढ़ी मात्रा में निरंतर निवेश करने में रूचि रखते हो। आपको हर खरीद-बिक्री के लिए ब्रोकरेज शुल्क का भुगतान करना होता है और इसलिए कम ब्रोकरेज शुल्क आपके कुल आय पे बहुत अधिक प्रभाव डालेगा। बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज लिमिटेड (बीएफएसएल) अपने विशिष्ट शुल्क मॉडल की सहायता से सबसे बेहतर ब्रोकरेज प्रदान करता है। बीएफएसएल के किफायती सब्सक्रिप्शन पैक्स की सहायता से आप इक्विटी (इंट्राडे और डिलीवरी) में हर आर्डर पे रु. ०.९९ का फ्लॅट रेट हासिल कर सकते है।
BFSL डीमैट खाते के माध्यम से रु. 999 (+GST) के सालाना सब्सक्रिप्शन चार्ज वाले पैक के साथ आप इक्विटी एफएंडओ ट्रेडिंग में हर आर्डर पे रु. ५ का फ्लॅट दर भी पा सकते हैं। इस प्रकार के कम ब्रोकरेज दरें एफएंडओ ट्रेडिंग में 75% तक बचत करने में सहायता कर सकते हैं।
इक्विटी एफएंडओ ट्रेडिंग पे 75 % तक के बचत का हिसाब बीएफएसएल के फ्लॅट रु. ५ ब्रोकरेज प्रति आर्डर और अन्य ब्रोकरेज जो रु. २० प्रति आर्डर इन दो ब्रोकरेज की तुलना करके होता है।
विश्वास : विश्वास एक महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि आप अपनी मेहनत से बचत करके निवेश कर रहे हैं। ऐसी घटनाएँ हुई हैं जिनमें निवेशकों के शेयर्स को उनके ज्ञान के बिना स्टॉक ब्रोकर द्वारा गिरवी रखा गया है। ऐसी घटनाएं निवेशकों के भरोसे को कमजोर करती हैं। हमेशा ऐसे ब्रोकर की तलाश करें जिसने बाजार में अपना विश्वास और विश्वसनीयता साबित किया है।
डिस्काउंट ब्रोकिंग भारत में नया है और इसी वजह से बाजार में अभी बहुत कम नाम है जो पूर्णतः स्थापित हो चुके हैं। मूल ब्रांड बजाज फाइनेंस लिमिटेड की विरासत और एक मजबूत लिक्विडिटी के साथ बीएफएसएल एक विश्वसनीय नाम है। इस कंपनी को क्रिसिल एएए/स्थिर का उच्च रेटिंग प्राप्त हुआ है। इसका मतलब है कि आपके निवेश बीएफएसएल के साथ सुरक्षित हैं।
सुरक्षा : आपके शेयर्स को किसी भी बाहरी पार्टी के दखलअंदाजी और खतरों से सुरक्षित रखना अनिवार्य है। इसलिए ऐसे ब्रोकर का चयन करना महत्वपूर्ण है जो अत्याधुनिक सुरक्षा मापदंड को अपनाते है। उदाहरण के तौर पे बीएसएफ़एल स्टॉक्स के बेचने पर टी-पिन पे आधारित प्रमाणीकरण को लागू किया है जो सीडीएसएल के नियम के अनुसार है। आप वन-टाइम प्रमाणीकरण पिन का उपयोग बिक्री को पूर्ण करने के लिए कर सकते है। यह आपके बिक्री पे एक अधिक सुरक्षा परत की तरह काम करता है।
सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला : ट्रेडिंग गतिविधियाँ केवल स्टॉक ट्रेडिंग तक सीमित नहीं हैं। ट्रेडिंग में बढ़ते अनुभव के साथ आपको आईपीओ ( IPO ) , म्युचुअल फंड और अन्य में निवेश करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है। एक सही ब्रोकर आपको मार्जिन ट्रेड फाइनेंसिंग (एमटीएफ) और लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज (एलएएस) जैसी सुविधाएँ प्रदान करेगा।
बीएफएसएल के साथ , आप इन सभी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। BFSL की मूल कंपनी BFL के माध्यम से, ग्राहक LAS सुविधा तक आसानी से पहुँच सकते हैं। BFL देश के सबसे बड़े NBFC में से एक है।
प्लेटफ़ॉर्म और खाता खोलना : बीएफएसएल के डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म आपको सुरक्षित मोबाइल और वेब पर ट्रेडिंग करने की सुविधा देते हैं। बिना कागज़ी काम किये खाता खोलने और सहज बैक-ऑफिस एकीकरण के साथ बीएफएसएल ट्रेडिंग को आसान बना देता है।
ग्राहक सेवा : आप एक ऐसा ब्रोकर चुनें जिसके पास एक स्थापित शिकायत निवारण प्रकिया और सहयोग उपलब्ध हो। अपनी मजबूत ग्राहक सेवा पद्धति के साथ बीएसएफ़एल एक अच्छे विकल्प के तौर पे उभरा है।
चाहे आप एक नए निवेशक हों, कभी कभी ट्रेडिंग करते हों, या एक पेशेवर निवेशक हो , बीएफएसएल रिटेल और एचएनआई ग्राहकों के लिए समान रूप से सेवाएं प्रदान करता है। सभी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए बीएफएसएल के साथ डीमैट खाता खोलें और आज ही सहज ट्रेडिंग का अनुभव लें।
Disclaimer: ये कंटेंट Bajaj Finserv द्वारा वितरित किया गया है , कोई भी HT ग्रुप पत्रकार इस कंटेंट निर्माण में सामिल नहीं है |
Stock Broker Kaise Bane
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Stock Broker Kaise Bane - स्टॉक ब्रोकर कैसे बने
Stock Broker या Share Broker अपने ग्राहक के लिए विभिन्न Companies के Shares को Commission पर खरीदने-बेचने का काम करता है. हालांकि देश भर में ऐसी बहुत सी कई बड़ी Brokerage Companies है जो खुद को सिर्फ Shares तक ही सीमित नहीं रखतीं वे अपने ग्राहक को इनके साथ Mutual Funds, Insurance, Money और बहुत सी Financial Services भी प्रदान कराती है.
Stock Broker Career का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आगे बढ़ पाना बहुत आसान नहीं होता है जब तक कि आप इस के बारे में पूरी जानकारी न रखते हों. Stock Broker के क्षेत्र में Graduation या Post Graduation किए हुए व्यक्ति को बतौर Assistant Relationship Manager और Relationship Manager की Job मिल सकती है. Stock Broker का काम अपने ग्राहक के साथ लगातार संपर्क बनाए रखने के साथ-साथ Market के उतार-चढ़ाव की जानकारी देना होता है.
Stock Broker के रूप में Career बनाने के भारत के कुछ प्रमुख स्टॉक ब्रोकर लिए आप किसी बड़ी Brokerage Company की Franchisee ले सकते हैं या उसका Sub Broker भी बन सकते है. एक Sub Broker के रूप में आपको अपने कारोबार के आकार के अनुरूप एक रकम अपने Broker के पास बतौर सुरक्षा रखनी पड़ती है.
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिये शैक्षिक योगयता
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिये सबसे पहले उम्मीदवार को Commerce से स्नातक पास होना अनिवार्य है तथा उसके बाद अगर कोई उम्मीदवार Post Graduate या MBA पास होता है तो वह व्यक्ति बोनस, उन्नति, या उच्च वेतन के लिए योग्य होता है.
इसके साथ ही इस क्षेत्र में आपको अपना कैरियर सफल बनाने के लिए Sensex और Nifty की भी अच्छे से जानकारी होनी चाहिए. स्टॉक ब्रोकर के क्षेत्र में अगर आप सफल होना चाहते हैं तो आपको अपने सभी Customers के साथ ईमानदारी के साथ पेश आना होगा क्योंकि यहाँ पर आपको Customers का विश्वाश बनाए रखना बहुत जरुरी होता है. इस क्षेत्र में आप लोगो के पैसे या बचत को Share Market में लगवाते है तो इसके लिए आपको उनके साथ अच्छा व्य्वहार बना कर रखना पड़ता है.
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आवश्यक स्किल
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए वास्तव में वफ़ादार और मेहनती होना जरुरी है.
शेयर ब्रोकर को दूरदर्शिता के साथ-साथ शेयर बाजार के हर पहलू का गहन ज्ञान होना चाहिए ताकि कुछ हद तक बाजार के प्रवाह की दिशा का अनुमान लगाया जा सके.
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए अपने कर्तव्यों को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से निर्वहन करने के लिए उन्हें व्यापार के एक से अधिक क्षेत्रों में विशेष प्रशिक्षण व्यापक ज्ञान की आवश्यकता होती है.
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए उम्मीदवार के पास ईमानदारी के साथ कड़ी मेहनत करने की क्षमता होनी चाहिए क्योंकि नौकरी के लिए कड़ी मेहनत, मन की सतर्कता, दूरदर्शिता और अनुकूलनशीलता की बहुत आवश्यकता होती है.
स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए उम्मीदवार के पास Commerce, Cconomics या Business Administration में या वित्त में एक मजबूत शिक्षा पृष्ठभूमि होनी चाहिए. स्टॉकब्रोकिंग पेशे के लिए पात्र होने के लिए देश के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अर्थशास्त्र या वाणिज्य में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का अनुसरण किया जा सकता है. वित्त प्रबंधक प्रबंधन के प्रतिष्ठित संस्थानों से या प्रमुख विश्वविद्यालयों के व्यवसाय प्रशासन के विभागों से वित्त में विशेषज्ञता के साथ MBA हो सकते हैं
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए उम्मीदवार को नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा.
Step 1
एक स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए इच्छुक उम्मीदवार को Stock Broking और Capital Market और निवेश निवेश योजना और कई अन्य संबंधित Courses में Course करना पड़ता है जो भारत में कुछ प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा पेश किए जाते है.
Step 2
इन Courses के माध्यम से जाने के बाद किसी को Stock Broking Company से जुड़ना पड़ता है और इसमें कम से कम 2 साल का अनुभव प्राप्त करना होता है.
Step 3
Stock Broking Company के साथ काम करने के दौरान पर्याप्त अनुभव और ज्ञान प्राप्त करने के बाद कोई भी अकेले अपना व्यवसाय शुरू कर सकता है या संबंधित अधिकारियों से अपेक्षित अनुमति के साथ Stock Broking Company को Registered कर सकता है.
स्टॉक ब्रोकर की नौकरी का विवरण
एक Stock Broker के रूप में आपको अपने ग्राहक की Financial Profile को Manage करना होगा. आप निवेश विश्लेषकों से सलाह लेंगे उसके बाद आप अपने ग्राहक के साथ पूरे परिदृश्य पर चर्चा करेंगे कि ग्राहक के पैसे पर वापसी के रूप में सबसे अच्छा लाभ उठाने के लिए कौन से Financial Share खरीदने या बेचने है.
स्टॉक ब्रोकर में कैरियर की संभावनाएँ
स्टॉक ब्रोकर में कैरियर की संभावनाएँ बहुत अधिक मानी जाती है . 7000 से अधिक Listed Companies लगभग 6500 Brokers और 500 से अधिक निवेश बैंकरों के साथ भारत भर में लगभग 21 Operative Stock Exchange हैं जो सेबी के रूप में संक्षिप्त रूप से Stock Markets के शासी निकाय भारत के सुरक्षा और विनिमय बोर्ड के साथ Registered हैं. यदि हम इन आँकड़ों को देखते हैं तो यह आसानी से माना जा सकता है कि Stock Broking में Business की संभावनाएं उन लोगों के लिए उज्ज्वल हैं जो योग्य हैं और इस Business को संभालने के लिए पर्याप्त हैं और इसके साथ सामना करने के लिए आवश्यक व्यक्तित्व लक्षण है.
स्टॉक ब्रोकर की सैलरी
स्टॉक ब्रोकर की सैलरी काफी अच्छी होती है. स्टॉक ब्रोकर को शुरुआती में सैलरी के तौर पर 20,000 से 30,000 प्रति माह मिलते है. इसमें कुछ अनुभव प्राप्त करने के बाद वह यह 50,भारत के कुछ प्रमुख स्टॉक ब्रोकर 000 से 10,0000 प्रतिमाह और अधिक भी कमा सकता है.
करेंसी डेरिवेटिव (currency derivatives) को जानें
करेंसी डेरिवेटिव (currency derivatives) विक्रेता और खरीदार के बीच एक अनुबंध है, जिसका मूल्य अंतर्निहित परिसंपत्ति, मुद्रा राशि से लिया जाता है। करेंसी डेरिवेटिव को विदेशी मुद्रा विनिमय दर अस्थिरता (Foreign Currency Exchange Rate Volatility) के खिलाफ किसी भी जोखिम का प्रबंधन करने के लिये सबसे अच्छे विकल्पों में से एक माना जाता है।
मुद्रा डेरिवेटिव क्या हैं?
- मुद्रा विनिमय दरों के आधार पर डेरिवेटिव भविष्य का एक अनुबंध है जो उस दर को निर्धारित करता है जिस पर किसी मुद्रा को किसी अन्य मुद्रा के लिये भविष्य की तारीख में आदान-प्रदान किया जा सकता है।
- भारत में कोई भी व्यक्ति डॉलर, यूरो, यूके पाउंड और येन जैसी मुद्राओं के खिलाफ बचाव के लिये ऐसे डेरिवेटिव अनुबंधों का उपयोग कर सकता है।
- विशेष रूप से आयात या निर्यात करने वाले कॉर्पोरेट इन अनुबंधों का उपयोग किसी निश्चित मुद्रा के जोखिम के खिलाफ बचाव के लिये करते हैं।
- हालाँकि, इस तरह के सभी मुद्रा अनुबंधों का रुपए में नकद के रूप में निपटारा (cash-settled) किया जाता है, इस साल की शुरुआत में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने क्रॉस मुद्रा अनुबंध के साथ-साथ यूरो-डॉलर, पाउंड-डॉलर और डॉलर- येन के साथ व्यापार में आगे बढ़ने को कहा है|
करेंसी डेरिवेटिव के साथ कोई व्यापार कैसे कर सकता है?
- दो राष्ट्रीय स्तर के स्टॉक एक्सचेंज, BSE और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट हैं। मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MSEI) में भी ऐसा ही सेगमेंट है लेकिन BSE या NSE पर इसका अधिक विस्तार देखा गया है।
- कोई भी ब्रोकर के माध्यम से मुद्रा डेरिवेटिव में व्यापार कर सकता है। संयोग से सभी प्रमुख स्टॉक ब्रोकर भी मुद्रा व्यापार सेवाएँ प्रदान करते हैं।
- यह इक्विटी या इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में ट्रेडिंग की तरह है और ब्रोकर के ट्रेडिंग एप के माध्यम से किया जा सकता है। यद्यपि डॉलर-रुपए का अनुबंध आकार 1,000 डॉलर है, लेकिन केवल 2-3% मार्जिन देकर व्यापार शुरू किया जा सकता है।
एक्सचेंज प्लेटफ़ॉर्मों पर ऐसे डेरिवेटिव क्यों शुरू किये गए थे?
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