हम कोविड प्रतिबंधों से निपटने के लिए तैयार
मेकमाइट्रिप के सह-संस्थापक एवं समूह मुख्य कार्याधिकारी राजेश मैगॉ चीन में कोविड मामलों में फिर से आ रही तेजी से पैदा हो रही अनिश्चितता और नए संभावित प्रतिबंधों और सख्ती को लेकर चिंतित नहीं हैं। आर्यमान गुप्ता और शिवानी शिंदे के साथ एक साक्षात्कार में मैगॉ ने कहा कि उनकी कंपनी टियर-2 तथा अन्य शहरों से मजबूत मांग दर्ज कर रही है। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
कोविड संबंधित चिंताएं फिर से पैदा हो गई हैं। क्या आप मानते हैं कि व्यवसाय अब यात्रा प्रतिबंधों के अन्य झटके का सामना करने को पूरी तरह से तैयार हैं?
हमें उम्मीद है कि इस मौजूदा कोविड लहर से सीमित प्रतिबंधों को बढ़ावा मिलेगा। यात्राएं बरकरार रहेंगी, क्योंकि प्रतिबंध सीमित हैं। त्योहार संबंधित यात्राओं में तेजी आई हैऔर कोविड के व्यापक प्रभाव के बारे में अभी कुछ बता पाना जल्दबाजी होगी। जब भारत में कोविड की पहली लहर आई थी, हमारा राजस्व मार्जिन एक तिमाही में 95 प्रतिशत घट गया था। हमने मंदी के दो चक्र देखे। हमारी बैलेंस शीट मजबूत थी। हमारे पास मौजूदा समय में 43.5 करोड़ डॉलर की पूंजी मौजूद है और फंडिंग के लिहाज से हम पूरी तरह तैयार हैं। हमने पिछले दो वर्षों में काफी कुछ सीखा और अब चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।
कोविड ने वापसी की है। ऐसे में क्या आप बिजनेस वर्टिकल के विस्तार से अपना ध्यान हटाने की योजना बना रहे हैं?
हमारा ध्यान अब वृद्धि और नए बिजनेस वर्टिकलों को बढ़ाने पर है। प्लेटफॉर्म विकास के नजरिये से, कुछ ठहराव आएगा। हमने अपने सभी निवेश किए हैं और हमारे बिजनेस वर्टिकल अब तेजी से काम कर रहे हैं। हम मान रहे हैं कि मौजूदा कोविड समस्या अस्थायी है और व्यवसाय का आकार बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।
ऐसे कौन से नए बिजनेस वर्टिकल हैं जो आपने राजस्व बढ़ाने के लिए शुरू किए हैं?
महामारी की पहली लहर के बाद, कुछ तिमाहियों में हालात नियंत्रित करने के लिए काफी प्रयास किए गए। हालांकि, हमारी नेतृत्व टीम समान रूप से महामारी के बाद के उपायों पर लगातार काम कर रही थी। महमारी से पहले हमने कॉरपोरेट बिजनेस सेगमेंट में निवेश शुरू कर दिया था। छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए माईबिज प्लेटफॉर्म मौजूदा समय में करीब 35,000 एसएमई को अपने साथ जोड़ने में सफल रहा है और इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। इसी तरह, बड़े उद्यमियों के लिए हमारे पास क्वेस्ट2ट्रैवल प्लेटफॉर्म है। हमने ट्रिप मनी नाम से प्लेटफॉर्म शुरू किया है।
आपने टियर-2 और टियर-3 शहरों से कैसी मांग दर्ज की है। क्या आप विकास के अगले वाहक के तौर पर इन क्षेत्रों को देख रहे हैं?
हमारे प्लेटफॉर्म पर 36 प्रतिशत विजिट (उपभोक्ताओं द्वारा पोर्टल इस्तेमाल करना) टियर-2 और 3 शहरों से दर्ज किए जाते हैं। हम इन क्षेत्रों से अवसर देख रहे हैं। हमारे पास हिंदी और तमिल में पहले से ही स्थानीय भाषा का समर्थन हासिल है। हमारे लिए रेडरेल का विकल्प छोटे शहरों तक पहुंच बनाने के लिए एक अवसर के तौर पर लोकप्रिय हुआ है। रेडबस ने हमेशा अपनी पैठ बढ़ाने पर जोर दिया है और टियर-3 तथा 4 शहरों को जोड़ा कमोडिटी विकल्प क्या हैं है।
अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर व्यवसाय बढ़ाने पर आपने क्या प्रगति की है?
हमने सबसे पहले संयुक्त अरब अमीरात के बाजार पर ध्यान दिया था। अब हम दुबई में भी अपनी लोकप्रियता बढ़ा रहे हैं। एक तिमाही में हमारे उत्पाद पूरी तरह तैयार होंगे, जिसके बाद हम दुबई में औपचारिक तौर पर पेशकश करेंगे। हम अगले साल सऊदी अरब के बाजार में भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। व्यवसाय के संदर्भ में, भारत हमारा सबसे बड़ा बाजार है, जबकि यूएई जैसे देश अभी भी छोटी पहल हैं। सरकार ने हाल में ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर फेक रिव्यू को लेकर शिकंजा कसा है।
क्या आप मानते हैं कि ऑनलाइन कंपनियों के लिए नियामकीय परिवेश बदल रहा है?
सरकार ऑनलाइन उद्योगों को समझने की कोशिश कर रही है, और इसे लेकर कुछ समय से नियमों की पेशकश की जा रही है।
कमोडिटी विकल्प क्या हैं
Q. With reference to monopoly structure of commodity market, which of the following statements is/are correct?
1. Market has only one seller
2. Commodity has no substitute
3. Entry into the industry by another firm is prevented
4. Market price of commodities depends on demand of buyers.
Select the correct answer using the code given below
Q. कमोडिटी बाजार की एकाधिकार वाली संरचना के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन सा/से कथन सही है / हैं?
1. बाजार में केवल एक विक्रेता होता है।
2. कमोडिटी का कोई विकल्प नहीं होता है।
3. किसी अन्य फर्म का उद्योग में प्रवेश रोका जाता है।
4. कमोडिटी का बाजार मूल्य खरीदारों की मांग पर निर्भर करता है।
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनें:
28 December Gold Price : सोना खरीदने वालों के लिए बड़ी खबर, 1800 रु सस्ता मिल रहा गोल्ड, फटाफट ख़रीदे
28 December Gold Price : सोने और चांदी ( Gold Silver Price ) की कीमतों में लगातार तेजी जारी है ! मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर 27 दिसंबर 2022 को सोने की कीमत 54,700 रुपये के ऊपर कारोबार कर रही है ! इसके अलावा चांदी के भाव भी 69000 के पार पहुंच गए हैं ! दोनों ही धातुओं में MCX ( Multi Commodity Exchange ) पर जोरदार तेजी जारी है ! इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी तेजी है ! अगर आपका भी है ! सोना ( Gold Price Update ) खरीदने का प्लान तो जानिए भविष्य ( Silver Price Update ) में आपको कितना फायदा हो सकता है !
28 December Gold Price
28 December Gold Price
आपको बता दें कि सोना ( Gold Silver Price ) अपने अब तक के उच्चतम स्तर से इस समय करीब 1814 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हो रहा है ! आपको बता दें कि गोल्ज ने अगस्त 2020 में 56200 रुपए का अब तक का सबसे ज्यादा रिकॉर्ड बनाया था ! 27 दिसंबर कमोडिटी विकल्प क्या हैं 2022 को MCX ( Multi Commodity Exchange ) पर सोने का भाव 0.14 फीसदी की तेजी के साथ 54753 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है ! वहीं, कल सोने की कीमत ( Gold Price Update ) एमसीएक्स पर 109 रुपये की तेजी के साथ 54,683 रुपये ( Silver Price Update ) पर बंद हुई थी !
चांदी का रेट क्या है
चांदी की कीमतों ( Silver Price Update ) की बात करें ! तो आज MCX ( Multi Commodity Exchange ) पर चांदी 0.31 फीसदी की तेजी के साथ 69288 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर कारोबार कर रही है ! पिछले कारोबारी सत्र में एमसीएक्स पर चांदी की कीमत 46 रुपये ( Gold Price Update ) की तेजी के साथ 69,079 पर बंद हुई थी !
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्या है कीमत?
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने ( Gold Silver Price ) की बात करें तो दोनों धातुओं में भी तेजी देखने को मिल रही है ! यहां सोने ( Gold Price Update ) का हाजिर भाव 0.34 फीसदी बढ़कर 1,804.75 डॉलर प्रति औंस हो गया है ! इसके अलावा चांदी की कीमत ( Silver Price Update ) आज 0.61 फीसदी की उछाल के साथ 23.89 डॉलर प्रति औंस हो गई है.
जानें कैसे चेक करें सोने के रेट
आप भी अपने घर बैठे सोने के दाम ( Gold Price Update ) चेक कर सकते हैं ! इंडियन बुलियन एंड कमोडिटी विकल्प क्या हैं ज्वेलर्स एसोसिएशन ( IBJA ) के मुताबिक आप 8955664433 पर सिर्फ एक मिस्ड कॉल देकर कीमत ( Silver Price Update ) चेक कर सकते हैं ! जिस नंबर से आप मैसेज करेंगे उसी नंबर पर आपका मैसेज आ जाएगा ! और आपको सोने ( Gold Price Update ) चांदी के भाव पता चल जायेंगे !
IBJA पर सोना, चांदी : 28 December Gold Price
इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन ( IBJA ) की वेबसाइट के मुताबिक, मंगलवार (27 दिसंबर) को इस कारोबारी सप्ताह के दूसरे दिन सोना ( Gold Price Update ) 164 रुपये प्रति दस ग्राम महंगा हुआ और के स्तर पर कारोबार हुआ. 54550 रुपए प्रति दस ग्राम ! काम ! जबकि बीते कारोबारी दिन सोमवार को सोना 20 रुपये महंगा होकर 54386 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था ! वहीं चांदी ( Silver Price Update ) 617 रुपये की कमोडिटी विकल्प क्या हैं तेजी के साथ 68470 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर कारोबार कर रही है ! जबकि सोमवार को आखिरी कारोबारी दिन चांदी 69 रुपये ( Gold And Silver Price ) की गिरावट के साथ 67753 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई !
एमसीएक्स पर सोना, चांदी की कीमत
मंगलवार को इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन ( IBJA ) की तरह मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ( MCX ) पर भी आज सोने और चांदी ( Gold And Silver Price ) में तेजी का कारोबार हुआ ! एमसीएक्स पर सोना 107 रुपये महंगा होकर 54,784 रुपये ( Gold Price Update ) के स्तर पर है ! जबकि चांदी 691 रुपये ( Silver Price Update ) की मामूली बढ़त के साथ 69,766 रुपये पर कारोबार कर रही है !
सोना 1,650 रुपये टूटा; चांदी अब तक के उच्चतम स्तर से 11,510 रुपये टूट गई
इस समय सोना अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर से 1650 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता बिक रहा है ! अगस्त 2020 में सोने ने अपना सर्वकालिक उच्च स्तर बनाया था ! उस समय सोना 56,200 रुपये ( Gold Price Update ) प्रति दस ग्राम के स्तर तक चला गया था ! वहीं चांदी अपने उच्चतम स्तर से 11510 रुपये ( Silver Price Update ) प्रति किलोग्राम के भाव से सस्ती हो रही थी ! चांदी का अब तक का उच्चतम स्तर 79980 रुपये प्रति किलोग्राम है ! ऐसे में जो लोग सोना या चांदी ( Gold And Silver Price ) खरीदने का मन बना रहे है ! उनके लिए यह खरीदारी का अच्छा मौका साबित हो सकता है !
कैसा रहा कल सर्राफा बाजार : 28 December Gold Price
सर्राफा बाजार में सोने और चांदी दोनों की कीमतों में तेजी देखने को मिली ! कल सोने की कीमत में 318 रुपये और चांदी में 682 रुपये की तेजी दर्ज की गई थी ! कल दिल्ली में 24 कैरेट सोना 54,913 रुपये ( Gold And Silver Price ) प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा था ! जबकि कल 999 शुद्धता वाली चांदी 69,176 रुपये ( Silver Price Update ) प्रति किलो बिक रही थी ! यह डेटा मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ( MCX ) द्वारा जारी किया गया है ! मंगलवार की बात करें तो सोना और चांदी ( Gold And Silver Price ) दोनों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है !
सोने के भाव में तेजी जारी, एक्सपर्ट से समझें- क्या ये निवेश का अच्छा मौका?
News18 हिंदी 4 दिन पहले News18 Hindi
© News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "सोने के भाव में तेजी जारी, एक्सपर्ट से समझें- क्या ये निवेश का अच्छा मौका?"
मुंबई. कोविड-19 के नए वेरिएंट (Covid-19 New Variant) की खबर से जहां शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने कमोडिटी विकल्प क्या हैं को मिली है वहीं, सोने की कीमतों (Gold Rate Today) में तेजी जारी है. डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण गोल्ड के भाव में लगातार 8वें सप्ताह में तेजी जारी है. फरवरी 2023 के लिए MCX पर गोल्ड फ्यूचर का भाव ₹54,561 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ. वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का कमोडिटी विकल्प क्या हैं हाजिर भाव 1,797 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ, जो पिछले शुक्रवार के बंद भाव से करीब 5 डॉलर प्रति औंस ज्यादा है.
कमोडिटी मार्केट के जानकारों के मुताबिक, नए सिरे से कोविड के डर और डॉलर इंडेक्स में नरमी की वजह से सोने की कीमतों में तेजी आ रही है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में विस्तार के बाद वैश्विक आर्थिक मंदी का डर भी कम हुआ है. हालांकि, उन्होंने कहा कि सोने की कीमतों में वॉल्यूम कम रहने की उम्मीद है और इसलिए पीली धातु की कीमतें निकट अवधि में ‘साइड वेज टू पॉजिटिव’ यानी मामूली गिरावट के बावजूद तेजी का रूख बरकरार रहने की उम्मीद है.
भाव 54,000 से 55,000 रुपये के दायरे में रहने की उम्मीद
जानकारों के अनुसार, सोने की हाजिर कीमत 1,780 डॉलर से 1,820 डॉलर के दायरे में रह सकती है, जबकि घरेलू बाजार में सोने की कीमत 54,000 रुपये से 55,000 रुपये के दायरे में रहने की उम्मीद है. विशेषज्ञों ने निवेशकों को अल्पावधि के लिए ‘गिरावट पर खरीदारी’ की रणनीति बनाए रखने की सलाह दी और व्यापारियों से सोने में शॉर्ट पोजीशन लेने से बचने को कहा क्योंकि यदि निकट अवधि में कोविड के मामले बढ़ते रहे तो कीमती धातु ‘निवेश का सुरक्षित माध्यम’ बन सकती है.
गोल्ड फिर बना ‘सेफ हेवन एसेट’
मिंट की खबर के अनुसार, सोने की कीमतों में तेजी के कारणों पर मार्केट एक्सपर्ट सुगंधा सचदेवा ने कहा, “डॉलर इंडेक्स में सुस्ती है और यह 6 महीने के निचले स्तर पर ट्रेड कर रहा है, जो सोने की कीमतों के लिए एक प्रमुख कारक बना हुआ है. वहीं, दुनियाभर में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी के कारण आर्थिक मंदी की चिंता बढ़ गई है और इसका सीधा असर सोने की कीमतों मजबूती के तौर पर देखने को मिल रहा है, क्योंकि ऐसी स्थिति में निवेशक गोल्ड को इन्वेस्टमेंट का सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं.
वहीं, स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के सीनियर कमोडिटी रिसर्च एनालिस्ट निरपेंद्र यादव ने कहा, “मुद्रास्फीति में कमी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की धीमी गति ने 2022 के आखिरी में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी को बल दिया है.” वहीं ग्लोबल स्तर पर कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के कारण सोने के भाव में उछाल के साथ तेजी जारी है.
एमएसपी लीगल हो या नहीं, कीमतों में उतार-चढ़ाव से किसानों की सुरक्षा जरूरीः सिराज हुसैन
कृषि मंत्रालय के पूर्व सचिव सिराज हुसैन ने कहा कि एमएसपी के मुद्दे का कोई आसान समाधान नहीं है। लेकिन उन्होंने 2 बिंदुओं की ओर ध्यान आकर्षित किया। पहला, क्या हमारी आयात-निर्यात नीति यह सुनिश्चित कर सकती है कि किसी भी कमोडिटी का आयात करने पर उसकी लैंडेड कीमत एमएसपी से कम नहीं होगी। दूसरा, क्या यह संभव है कि सरकार किसी भी समय कमोडिटी के निर्यात पर रोक ना लगाए
Team RuralVoice WRITER: Sunil Kumar Singh
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) एक जटिल मुद्दा है और इसे लागू करने के लिए कई बातों पर विचार करना पड़ेगा। जैसे फाइनेंशियल, प्रशासनिक, न्यायिक, राजनीतिक वगैरह। किसानों की समस्याएं दूर करने के लिए एमएसपी के अलावा दूसरे विकल्पों पर भी विचार करने की जरूरत है। रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव एंड अवॉर्ड्स 2022 में आयोजित पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने ये विचार व्यक्त किए। 23 दिसंबर को आयोजित इस कॉन्क्लेव में पैनल चर्चा का विषय था- लीगल एमएसपी का औचित्य और आधार तथा इसका तात्पर्य- केंद्र और राज्य सरकारों की भूमिका।
कृषि मंत्रालय के पूर्व सचिव सिराज हुसैन ने कहा कि एमएसपी के मुद्दे का कोई आसान समाधान नहीं है। लेकिन उन्होंने 2 बिंदुओं की ओर ध्यान आकर्षित किया। पहला, क्या हमारी आयात-निर्यात नीति यह सुनिश्चित कर सकती है कि किसी भी कमोडिटी का आयात करने पर उसकी लैंडेड कीमत एमएसपी से कम नहीं होगी। दूसरा, क्या यह संभव है कि सरकार किसी भी समय कमोडिटी विकल्प क्या हैं कमोडिटी के निर्यात पर रोक ना लगाए।
हुसैन के अनुसार लीगल एमएसपी की मांग का आधार यह है कि किसानों को कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव से बचाया जा सके। इस समस्या के एक हल के तौर पर कीमतों में अंतर के भुगतान के विकल्प पर चर्चा की गई थी, लेकिन यह तभी संभव है जब एपीएमसी मजबूत हो, उनके पास पुख्ता कागजात हो और उनका प्रबंधन अच्छा हो।
एक और जटिलता बताते हुए हुसैन ने कहा कि अगर आप एमएसपी को लीगल बनाते हैं तो विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ग्लोबल मार्केट से अनेक तरह के सवाल आएंगे। उन्होंने अमेरिका के एक सांसद का उदाहरण दिया जिन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन को पत्र लिखकर भारत सरकार की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी का विरोध किया है। हुसैन ने कहा कि सिर्फ रणनीतिक वजहों से अमेरिका ने डब्ल्यूटीओ में हमारे खिलाफ शिकायत नहीं की है। वर्ना कई मामलों में वे भारत के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में जा चुके हैं और वहां जीते भी हैं।
पूर्व कृषि सचिव ने कहा कि एमएसपी का मुद्दा जटिल होने के कारण इस पर विचार के लिए पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है, लेकिन इस बात की संभावना कम ही है कि निकट भविष्य में समिति कोई समाधान लेकर आएगी। एमएसपी को कानूनी दर्जा देने पर जो भी निर्णय हो अथवा समिति की रिपोर्ट में जो भी कहा गया हो, कृषि कमोडिटी की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव रोकने के लिए कोई न कोई फैसला करना पड़ेगा।
कोऑपरेटिव एमएसपी से करीब से जुड़े हैंः संदीप नायक
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) के डायरेक्टर जनरल संदीप कुमार नायक ने कोऑपरेटिव और एमएसपी के बीच संबंधों के चर्चा की। उन्होंने कहा, हमारे देश के 94 से 95 फ़ीसदी किसान किसी न किसी कोऑपरेटिव के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि उत्पादकता, कर्ज, भंडारण और बाजार से संबंधित सूचनाएं- यह सभी बातें एमएसपी के मुद्दे से सीधे जुड़ी हैं। इन सब में कोऑपरेटिव बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
सभी परिस्थितियों में एमएसपी श्रेष्ठ कीमत नहींः प्रो रमेश चंद
नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद्र ने कहा कि अनेक किसान संगठन एमएसपी को कानूनी तौर पर बाध्यकारी करने की मांग कर रहे हैं। किसान चाहते हैं कि उन्हें उनकी उपज की श्रेष्ठ कीमत मिले। वे कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव से भी खुद को बचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, मेरे विचार से एमएसपी सभी परिस्थितियों में श्रेष्ठ कीमत नहीं हो सकती। यह स्थिरता जरूर ला सकती है, लेकिन श्रेष्ठता नहीं। सबसे अच्छी कीमत तो प्रतिस्पर्धा से ही आएगी। अगर बाजार में प्रतिस्पर्धा होगी तो किसानों को उनकी फसल की सबसे अच्छी कीमत भी मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सबसे अधिक ग्रोथ उन सेक्टर में दिख रही है जिनमें कीमतों पर सरकार का हस्तक्षेप कम है। इसके लिए उन्होंने कृषि से संबंधित क्षेत्र डेयरी, फिशरीज और बागवानी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि विशेष परिस्थितियों में एमएसपी की अपनी भूमिका जरूर हो सकती है, लेकिन यह बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटने में किसानों की उद्यमिता को भी नष्ट करती है।
एमएसपी को कानूनी तौर पर बाध्यकारी करने की मांग पर उन्होंने कहा कि इसके कई प्रभाव होंगे। ऐसा करने में तीन कीमतों को ध्यान में रखना पड़ेगा। एक है एमएसपी, दूसरा उचित बाजार मूल्य और तीसरा बाजार का वास्तविक मूल्य। उचित बाजार मूल्य एमएसपी से ज्यादा है तब तो एमएसपी को कानूनी दर्जा देने का फायदा होगा, लेकिन अगर उचित बाजार मूल्य एमएसपी से कम है तो एमएसपी को कानूनी दर्जा देने पर बिजनेसमैन बाजार से उपज खरीदने से पीछे हट जाएगा। तब सरकार के लिए राजकोषीय समस्या आएगी।
खाद्य सब्सिडी दोगुनी करनी पड़ेगीः प्रो सीएससी शेखर
इंस्टीट्यूट आफ इकोनामिक ग्रोथ (आईजी) के कमोडिटी विकल्प क्या हैं प्रोफेसर तथा एमएसपी समिति के सदस्य प्रो सीएससी शेखर ने भी कहा कि एमएसपी का मुद्दा काफी जटिल है। उन्होंने कहा कि इसके लिए तीन बातों पर विचार करने की जरूरत है। पहला, क्या यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य है? दूसरा, क्या हमारे पास प्रशासनिक क्षमता है? तीसरा, न्यायिक रूप से यह कितना संभव हो सकेगा? उन्होंने कहा कि उन 2019-20 के उत्पादन के आधार पर आईजी ने कुछ आकलन किए हैं इसमें पांच अनाज, पांच दालें और चार तिलहन को शामिल किया गया है। इस आकलन में पाया गया कि अगर इन 14 फसलों के लिए एमएसपी को कानूनी दर्जा दिया जाता है तो हर साल करीब 3 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसके लिए खाद्य सब्सिडी लगभग दोगुनी करनी पड़ेगी।
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