RIICO जूनियर सहायक परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम 2021
RIICO Junior Assistant Exam Pattern & Syllabus: राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास और निवेश निगम लिमिटेड (RIICO) ने उप प्रबंधक (औद्योगिक विकास / तकनीकी), प्रोग्रामर, सहायक साइट इंजीनियर (सिविल), आशुलिपिक, जूनियर सहायक के रिक्त पदों की भर्ती के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी की है. परीक्षा तिथियां 27 नवंबर से 12 दिसंबर 2021 तक निर्धारित की गई हैं. कनिष्ठ सहायक परीक्षा 5 दिसंबर 2021 को पहली पाली में होगी जो सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक होगी. परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी. परीक्षा केंद्र जयपुर शहर में होगा. एडमिट कार्ड परीक्षा की तारीख से दो दिन पहले जारी किए जाएंगे जिन्हें आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है.
RIICO Exam Dates Out 2021: Check Now
RIICO Admit Card Out: Download Now
RIICO Recruitment 2021: Selection Process
उम्मीदवारों का चयन एक प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा. यह परीक्षा ऑनलाइन/ऑफलाइन हार्मोनिक पैटर्न की कमियां आयोजित की जा सकती है, जिसका विवरण समय आने पर RIICO की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा. उम्मीदवारों के चयन के लिए परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाएगी.
RIICO Junior Assistant Exam Pattern
Part | Section | No. of questions | Maximum Marks | Qualifying Marks |
Part-I | Section ‘A,B,C &D | 60 | 180 | 72 |
Part-II | Section ‘A,B,C | 90 | 270 | – |
RIICO Junior Assistant पाठ्यक्रम
पाठ्यक्रम को 2 भागों में विभाजित किया गया है जिसका विस्तृत पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है. परीक्षा की तैयारी के लिए उम्मीदवारों को पाठ्यक्रम के माध्यम से जाना चाहिए.
Part I
राजस्थान का सामान्य ज्ञान और सामान्य हार्मोनिक पैटर्न की कमियां जागरूकता:
1. राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की घटनाएं
2. भारत और राजस्थान का भूगोल और प्राकृतिक संसाधन
3. भारत का कृषि, सामाजिक और आर्थिक विकास राजस्थान
4. भारतीय मध्यकालीन इतिहास, स्वतंत्रता के लिए भारतीय संघर्ष और राजस्थान का इतिहास
5. भारत और राजस्थान की संस्कृति और विरासत
सामान्य विज्ञान:
- तत्व, मिश्रण और यौगिक
- भौतिक और रासायनिक परिवर्तन; ऑक्सीकरण और कमी: कटैलिसीस
- धातु और अधातु
- अम्ल, क्षार और लवण
- प्रकाश का परावर्तन और उसके नियम, लेंस, मानव नेत्र, दृष्टि दोष और उसका सुधार
- विद्युत प्रवाह, विद्युत क्षमता, ओम नियम, विद्युत सेल, और विद्युत मोटर
- मानव मस्तिष्क, हार्मोन, मानव रोग, और इलाज
- जानवरों और पौधों का आर्थिक महत्व
- बायोमास, ऊर्जा के स्रोत, पारिस्थितिकी तंत्र, मेंडल का वंशानुक्रम का नियम
- मानव रक्त समूह, रक्त आधान, कमी से होने वाले रोग और इलाज
बुनियादी कंप्यूटर कौशल
1. Introduction to Computers
2. Computer Systems
3. Uses of Computers
4. Introduction to the Internet & Search Engines,
Internet Applications
5. Operating system,
6. MS-Word Advance
7. Database Management System
8. MS Excel Advance
9. MS PowerPoint Basics
10. Microsoft Outlook-Basics
भाग II
सामन्य अंग्रेजी
1. Use of Articles and Determiners
2. Tense/sequence of Tenses
3. Voice: Active and Passive
4. Narration: Direct and Indirect
5. Use of Prepositions
6. Translation of Ordinary/Common English sentences into Hindi and vice-versa
7. Synonyms and Antonyms 8 Comprehension of a given passage
8. Glossary of official, Technical terms (with their Hindi version)
9. Letter writing: Official, Demi-official, Circulars, and Notices.
Note: Questions on letter writing will also be objective regarding the structure of a letter.
गणित
1. Real Numbers
2. Polynomials
3. Pair of Linear Equations in Two Variables
4. Quadratic Equations
5. Arithmetic Progressions
6. Triangles
7. Coordinate Geometry
8. Trigonometry & its applications
9. Mensuration (Cylinder, Circles, Polygons, Rectangles, Squares, Trapezium, Parallelogram, Rhombus, Cube and
Cuboid)- Surface Areas and Volumes, Area and Perimeter
10. Statistics and Probability
Scheme and Syllabus of Examination of Proficiency Test for Junior Assistant
उम्मीदवार नीचे दिए गए लिंक से अन्य पदों के लिए पाठ्यक्रम डाउनलोड कर सकते हैं:.
नींद का पैटर्न और आपके ब्लड शुगर पर उसका असर
ब्लड शुगर लेवल के घटने या बढ़ने से, आपकी नींद पर असर पड़ सकता है. आपको सोने में मुश्किल हो सकती है या आपको सोते समय बेचैनी महसूस हो सकती है. ब्लड शुगर लेवल के कम या ज़्यादा होते ही आम तौर पर किसी व्यक्ति का स्लीपिंग पैटर्न प्रभावित होता है. नींद का यह ख़राब पैटर्न उनके ब्लड शुगर पर असर डालता हार्मोनिक पैटर्न की कमियां है. अगर आप रात में काम करते हैं, तो आपके लिए अपनी नींद को मैनेज करना और भी मुश्किल हो सकता है. अपनी नींद से जुड़ी परेशानियों को दूर करने का एक सही तरीका है अपनी सर्केडियन रिदम (CR) को ध्यान में रखना और संतुलित बनाये रखना है.
बॉडी क्लॉक
हर किसी के शरीर के अंदर एक बॉडी क्लॉक काम करती है. इसके हिसाब से लोग 24 घंटे में सोते-उठते हैं. ‘सरकार्डियन रिदम’ को हमारे दिमाग में मौजूद हाइपोथैलेमस नियंत्रित करता है. निठरा इस्टीट्यूट ऑफ़ स्लीप साइंसेज़ के निदेशक डॉक्टर एन. रामकृष्ण बताते हैं, “हमारे शरीर में एक सिस्टम है जिसके ज़रिए यह काम करता है. सर्कैडियन रिदम यानी जैविक घड़ी कुछ चीज़ों पर निर्भर करता है और सूरज की रौशनी से चलता है. जब अंधेरा होता है, तो शरीर अपने आप थकान महसूस करने लगता है. मेलाटॉनिन, वह हार्मोन होता है जिससे शरीर को थकान होती है. यह रात के समय बढ़ता है और दिन के समय कम हो जाता है.”
ज़्यादातर लोगों का सर्कैडियन रिदम एक जैसा होता है. लेकिन, अगर आप आप देर से सोते और उठते हैं, तो नींद का ऐसा पैटर्न सर्कैडियन रिदम में बदलाव कर सकता है. डॉक्टर के अनुसार, नींद का ऐसा पैटर्न तब तक ठीक है जब तक आप आठ घंटे की नींद लेते हैं. लेकिन, अगर आप देर रात तक काम करते हैं या हर समय थकान महसूस करते हैं या आपको T2DM है, तो हो सकता है आपको समय पर नींद न आए और आप देर में सोकर, देर में उठें. इसे Delayed Sleep Phase Syndrome (DSPS) कहते हैं. अगर आप देर रात तक काम नहीं कर रहे लेकिन आपको T2DM है, तो देर में सोना, सोते समय बेचैनी महसूस करना और जल्दी उठना आपके सोने के समय में कमी के के साथ-साथ हार्मोनिक पैटर्न की कमियां सरकार्डियन रिदम भी बदल सकता है. इससे आपका ब्लड शुगर लेवल और नींद का समय कम-ज़्यादा हो सकता है.
डॉक्टर रामकृष्णन कहते हैं, “ज़्यादातर छूने से न फैलने वाली बीमारियों की वजह नींद का पूरा न होना है. जब तक आपकी नींद सही नहीं होती, आप अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित नहीं कर पाएंगे न ही इसे बढ़ने-घटने से रोक पाएंगे. ऐसा पाया गया है कि जब नींद से जुड़ी परेशानियां सही हो जाती हैं, तो तीन महीनों में इंसुलिन प्रतिरोध बेहतर हो हार्मोनिक पैटर्न की कमियां जाता है और दवाइयों की भी ज़रूरत नहीं पड़ती.”
सर्कैडियन रिदम के हिसाब से चलना बहुत ज़रूरी है क्योंकि हर रात सही समय पर सोने से आपके हार्मोन ढंग से काम करते हैं और इससे आपके शरीर में कुछ स्टेरॉइड निकलते हैं. डॉक्टर रामकृष्णन कहते हैं, “जैसे कि आपकी नींद को सर्कैडियन क्लॉक नियंत्रित करती है, आपके अंदर एक और सर्कैडियन रिदम होती है जो आपके हार्मोन को नियंत्रित करती है. इंसुलिन के निकलने से सर्कैडियन डिस्ट्रीब्यूशन (वितरण) होता है जो अगर सही से नहीं हुआ, T2DM में और समस्याएं पैदा कर सकता है.”
अगर आपको अच्छे हार्मोनिक पैटर्न की कमियां से नींद नहीं आती और आपकी सर्कैडियन रिदम सही नहीं है, तो इसे सही करने के लिए किसी नींद विशेषज्ञ से बात करें.
अपनी सरकार्डियन रिदम में सुधार करने के लिए सुझाव:
- 9 बजे के बाद फ़ोन, कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल कम करें.
- अपने ऑफ़िस में रात की शिफ़्ट कम लें. अगर आप ऐसा नहीं कर सकते, तो सोने और उठने के हिसाब से क्या खाना है और कितनी मात्रा में खाना है, तय करें.
- अपनी रात की शिफ़्ट के बाद और सोने से पहले, घर में परदे डाल लें ताकि रोशनी न आए, फ़ोन बंद कर दें और अपने परिवार से कहें कि दोपहर के खाने से पहले आपको न उठाएं.
- अपने ऑफ़िस प्रबंधन से अनुरोध करें कि हार्मोनिक पैटर्न की कमियां वह रात के समय कैंटीन में खाने की हेल्दी चीज़ें रखें.
- अपनी सरकार्डियन रिदम सही करने के लिए अच्छे से नींद लें. अच्छी नींद लेने के लिए रात में नशीली चीज़ों का सेवन न करें, गहरी सांस लें या अरोमाथेरेपी लें.
- रात का खाना सोने के कम-से-कम दो घंटे पहले खा लें.
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Disclaimer: The information provided in this article is for patient awareness only. This has been written by qualified experts and scientifically validated by them. Wellthy or it’s partners/subsidiaries shall not be responsible for the हार्मोनिक पैटर्न की कमियां content provided by these experts. This article is not a replacement for a doctor’s advice. Please always check with your doctor before trying anything suggested on this article/website.
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