विदेशी मुद्रा बाजार का संचालन सिद्धांत
फॉरेक्स ट्रेडिंग स्पेस एक वर्चुअल मार्केटप्लेस है जिसे इस क्षेत्र में पेश किए जाने वाले सभी उत्पादों के लिए डिज़ाइन किया गया है। प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, तरलता और निवेश निधियों के विशाल नेटवर्क के माध्यम से, और दलाल जो कि विदेशी मुद्रा बाजार है, प्रत्येक डीलर सुरक्षित रूप से सहयोग कर सकता है और बातचीत के लिए सबसे लाभदायक विकल्प चुन सकता है।
विदेशी मुद्रा बाजार के लाभ और लाभ
विदेशी मुद्रा बाजार बनाने की आवश्यकता इस तथ्य के कारण है कि विक्रेताओं और खरीदारों दोनों को एक तीसरे स्वतंत्र सहायक पक्ष की आवश्यकता होती है जो पहले से ही सक्रिय व्यवसाय की बिक्री में सहायता कर सकता है या खरीदार को खोजने में, संभवतः इस व्यवसाय को खरीदने में रुचि रखता है। दशकों से निर्मित एक नेटवर्क तंत्र का उपयोग इस संभावना को काफी बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है कि एक सौदा पूरा हो जाएगा और यह सफल होगा।
एक और कठिनाई जो अक्सर विदेशी मुद्रा दलाल-डीलर को बेचने या खरीदने की इच्छा के सामने उत्पन्न होती है, वह है संचार। सभी डेटा की गोपनीयता के कारण, बिक्री के लिए व्यवसायों के बारे में प्रभावी ढंग से जानकारी प्रदान करना अक्सर मुश्किल होता है। इसके अलावा, इसके विपरीत – यदि कोई संभावित खरीदार किसी विशेष सेवा या उत्पाद में रुचि रखता है, तो यह एक नाजुक विषय बन सकता है।
इस मामले में, विदेशी मुद्रा बाजार एक प्रकार का तीसरा पक्ष बन जाता है, जो स्वतंत्र रूप से व्यापार प्रक्रिया में भाग लेता है, संभावित भागीदारों को खोजने में मदद करता है और साथ ही निजी रूप से प्रदान किए गए डेटा की गोपनीयता बनाए रखता है। इस तथ्य के कारण कि यह नेटवर्क काफी व्यापक है, विदेशी मुद्रा उद्योग में बेचे जाने वाले उत्पादों की जानकारी उपलब्ध है और बहुत कुशलता से प्रसारित की जाती है। इसके अलावा, जो विक्रेता अपने व्यवसाय को बिक्री के लिए सूचीबद्ध करना चाहते हैं, वे अक्सर ऐसे प्लेटफार्मों की ओर रुख करते हैं।
बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध विदेशी मुद्रा व्यवसाय
डीलर विदेशी मुद्रा बाजार के भीतर निम्नलिखित व्यवसायों का अधिग्रहण कर सकता है:
- विनियमित: FCA, CySec और ASIC दलाल, अपतटीय दलालों द्वारा दिए गए लाइसेंस, और इसी तरह;
- दलाल जिनकी गतिविधियों का लाइसेंस नहीं है और अपतटीय कार्यालय, सॉफ्टवेयर और बिक्री के लिए तैयार विदेशी मुद्रा कंपनियां: सीआरएम सिस्टम, विदेशी मुद्रा व्यवसायों की बिक्री के लिए साइटें, व्यापार कैबिनेट प्रौद्योगिकियां, आदि।
विदेशी मुद्रा व्यापार खरीदने के मुद्दे पर पहुंचने पर, आपको हर चीज के बारे में ध्यान से सोचने और इस क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों से मदद लेने की जरूरत है और विदेशी मुद्रा सौदों को समाप्त करने का अनुभव है।
विदेशी मुद्रा वेब पोर्टल के लिए डोमेन
यदि आप वर्तमान में एक विदेशी मुद्रा ब्रोकरेज, क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज, भविष्य में अपनी प्रौद्योगिकी फर्म या समाचार संगठन के स्वामित्व वाली साइट के लिए एक वेब संसाधन स्थापित कर रहे हैं, तो आप विदेशी मुद्रा उत्पादों या क्रिप्टोक्यूरेंसी उद्योग को बेचने के लिए एक तैयार डोमेन भी खरीद सकते हैं। एक तैयार डोमेन आपको उत्कृष्ट एसईओ संकेतक प्रदान करेगा और तदनुसार, आपकी साइट की एक उच्च रैंकिंग, जो उपयोगकर्ताओं के बीच इसकी मान्यता में परिलक्षित होगी।
इसके अलावा, इस उद्योग में काम करने वाले विभिन्न उद्यम वह सब नहीं हैं जिन्हें आप खरीद सकते हैं और प्रचलन में ला सकते हैं। आप समय और संसाधनों को बर्बाद किए बिना अपनी ब्रोकरेज गतिविधियों को तुरंत विकसित करने के लिए किसी विशेष क्षेत्राधिकार में तैयार विदेशी मुद्रा दलाल लाइसेंस भी खरीद सकते हैं। इस तरह, आप पहले चरण से ही अपनी ब्रोकरेज क्षमता का एहसास करना शुरू कर सकते हैं, विदेशी मुद्रा बाजार जो आपको भागीदारों को खोजने और ग्राहकों के साथ तेजी से बातचीत करने में सक्षम करेगा।
यदि आप विदेशी मुद्रा दलाल लाइसेंस को विनियमित करने में रुचि रखते हैं, तो कृपया इस लेख पर विचार करें।
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Forex Reserve: थम गया लगातार गिरावट का सिलसिला, 204 मिलियन डॉलर बढ़कर 532 बिलियन हुआ विदेशी मुद्रा भंडार
Forex Reserve रुपये में लगातार हो रही गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई ने विदेशी मुद्रा बाजार में जमकर हस्तक्षेप किया है। इसके चलते हाल के दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार गिर रहा था। इससे अब बाजार भी संभाल जाएगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 204 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 532.868 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पिछले सप्ताह भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.854 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 532.664 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया था।
आपको बता दें कि पिछले कई हफ्तों से विदेशी मुद्रा भंडार गिर रहा था, क्योंकि केंद्रीय बैंक रुपये में होने वाली गिरावट को रोकने के लिए लगातार डॉलर बेच रहा था। अक्टूबर 2021 में देश की विदेशी मुद्रा किटी 645 बिलियन अमरीकी डालर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
थमा गिरावट का सिलसिला
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी साप्ताहिक सांख्यिकीय डाटा के अनुसार, विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) जो समग्र भंडार का एक प्रमुख घटक हैं 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.311 बिलियन अमरीकी डॉलर की गिरावट के साथ 471.496 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गईं। आपको बता दें कि एफसीए में विदेशी मुद्रा के रूप में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड विदेशी मुद्रा बाजार और येन जैसी इकाइयां शामिल हैं।
सोने की होल्डिंग वैल्यू भी बढ़ी
आरबीआई ने कहा कि 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के लिए कुल विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि सोने की होल्डिंग के मूल्य में बढ़ोतरी के कारण हुई है। यह 1.35 अरब अमेरिकी डॉलर बढ़कर 38.955 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 155 मिलियन अमरीकी डालर बढ़कर 17.582 बिलियन अमरीकी डालर हो गया। आंकड़ों से पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ देश का रिजर्व 10 मिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर 4.836 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
Money Market New Timings: RBI ने बदला ट्रेडिंग का समय, सोमवार से सुबह 9 बजे से होगा कामकाज
Market Market Timings Update। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में ट्रेडिंग के समय में बदलाव कर दिया है।आरबीआई की ओर से जानकारी दी गई है कि वित्तीय बाजार के कारोबार का नया टाइम टेबल 18 अप्रैल, सोमवार से लागू होगा। अभी तक कारोबार का समय सुबह 10 बजे से था, लेकिन अब इसे 18 अप्रैल से 9 बजे से ही कर दिया गया है और 3.30 बजे तक जारी रहेगा। RBI ने बाजार के कारोबारी समय में 30 मिनट बढ़ा दिया है। RBI ने विज्ञप्ति जारी करते हुए जानकारी दी है कि कोविड प्रतिबंधों के खत्म होने और लोगों की आवाजाही पर लगी पाबंदियों को हटाने और कार्यालयों में कामकाज सामान्य होने के चलते सुबह 9 बजे से वित्तीय बाजारों में कारोबार शुरू करने का फैसला लिया गया है।
RBI के मुताबिक अब बदले हुए समय के साथ विदेशी मुद्रा बाजार और सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन संभव होगा। 18 अप्रैल 2022 से विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव, रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव, कॉरपोरेट बॉन्ड में रेपो आदि सहित विदेशी विदेशी मुद्रा बाजार मुद्रा (FCY)/ भारतीय रुपया (INR) ट्रेडों जैसे RBI विनियमित बाजारों में ट्रेडिंग अपने पूर्व-कोविड समय यानी सुबह 10 बजे के बजाय 9:00 बजे सुबह से शुरू होगी
आपको बता दें कि साल 2020 में कोरोना संक्रमण को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 7 अप्रैल को बाजार के कारोबार के घंटे में बदलाव किया था। बाजार का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक बदल दिया गया, जिससे कारोबार के घंटे आधे घंटे कम हो गए, लेकिन अब कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद RBI पुराने टाइम टेबल को फिर से लागू कर रहा है।
RBI Report: रंग आईं Reserve Bank Of India की कोशिशें, विदेशी मुद्रा भंडार घटने की रफ़्तार हुई कम
2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भंडार 22 प्रतिशत कम हुआ था। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद उत्पन्न उतार-चढ़ाव के दौरान इसमें केवल छह प्रतिशत की कमी आई है।
Written By: विदेशी मुद्रा बाजार Amrish Kumar Yadav @theamrishkumar
Updated on: August 27, 2022 18:41 IST
Photo:PTI RBI
भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार घटने की दर में कमी आई है। आरबीआई अधिकारियों के अध्ययन में यह कहा गया है। अध्ययन में 2007 से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मौजूदा समय में उत्पन्न उतार-चढ़ाव को शामिल किया गया है। केंद्रीय बैंक की विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप की एक घोषित नीति है। केंद्रीय बैंक यदि बाजार में अस्थिरता देखता है, तो हस्तक्षेप करता है। हालांकि, रिजर्व बैंक मुद्रा को लेकर कभी भी लक्षित स्तर नहीं देता है।
आरबीआई के वित्तीय बाजार संचालन विभाग के सौरभ नाथ, विक्रम राजपूत और गोपालकृष्णन एस के अध्ययन में कहा गया है कि 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भंडार 22 प्रतिशत कम हुआ था। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद उत्पन्न उतार-चढ़ाव के दौरान इसमें केवल छह प्रतिशत की कमी आई है। अध्ययन में कहा गया है कि इसमें व्यक्त विचार लेखकों के हैं और यह कोई जरूरी नहीं है कि यह केंद्रीय बैंक की सोच से मेल खाए।
रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर अपने हस्तक्षेप उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल रहा है। यह विदेशी मुद्रा भंडार में घटने की कम दर से पता चलता है। अध्ययन के अनुसार, निरपेक्ष रूप से 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के कारण मुद्रा भंडार में 70 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई। जबकि कोविड-19 अवधि के दौरान इसमें 17 अरब डॉलर की ही कमी हुई। वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण इस वर्ष 29 जुलाई तक 56 अरब डॉलर की कमी आई है।
अध्ययन में कहा गया है कि उतार-चढ़ाव को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों में ब्याज दर, मुद्रास्फीति, सरकारी कर्ज, चालू खाते का घाटा, जिंसों पर निर्भरता राजनीतिक स्थिरता के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर घटनाक्रम शामिल हैं।
रुपया 45 पैसे की तेजी के साथ 81.47 प्रति डॉलर पर बंद हुआ
नवभारत टाइम्स 09-11-2022
मुंबई, नौ नवंबर (भाषा) अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने और विदेशी पूंजी के सतत निवेश से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में विदेशी मुद्रा बाजार विदेशी मुद्रा बाजार बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 45 पैसे की तेजी के साथ 81.47 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 81.43 पर खुला। कारोबार के दौरान 81.23 के दिन के उच्चस्तर और 81.62 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में यह 45 पैसे की तेजी के साथ 81.47 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में (सोमवार को) रुपया 81.92 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। ‘गुरुनानक जयंती’ के मौके पर मंगलवार को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार बंद था।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर विदेशी मुद्रा बाजार सूचकांक 0.18 प्रतिशत बढ़कर 109.83 हो गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.64 प्रतिशत घटकर 94.75 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा एवं सर्राफा विश्लेषक, गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘रुपये में मजबूती जारी रही क्योंकि डॉलर में, ऊंचे स्तर पर बिकवाली का दबाव देखा गया। अमेरिकी मध्यावधि चुनाव परिणाम आने से पहले भी डॉलर दबाव में रहा।’’
वहीं बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 151.60 अंक की गिरावट के साथ 61,033.55 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने सोमवार को 1,948.51 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
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